उसूर टीआई चाणक्य नाग और एसआई ओपी त्रिपाठी.
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे पर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से चर्चित बीजापुर जिले के उसूर थाना प्रभारी (टीआई) चाणक्य नाग गांव के बच्चों के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं.
नक्सलवाद से लड़ने की चुनौतियों के साथ साथ टीआई नाग बच्चों को शिक्षा और खेल के लिए प्रेरित कर रहे हैं. दोहरी भूमिका के चलते टीआई नाग और एसआई ओपी त्रिपाठी क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी हो चुके हैं.
माओवादियों की पैठ के चलते कुछ वर्षों तक उसूर पंचायत क्षेत्र काफी संवेदनशील माना जाता था. छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सरहद पर स्थित पामेड़ क्षेत्र में कुछ वर्षों तक पदस्थ रहने के बाद टीआई नाग को उसूर थाना प्रभारी नियुक्त किया गया.
लगातार मुठभेड़ों से जूझते टीआई नाग ने सफलतापूर्वक 22 एनकाउंटर किए. इनमें उन्होंने कई हार्डकोर नक्सलियों को भी मार गिराने में कामयाबी हासिल की. इस वर्ष टीआई नाग राष्ट्रपति पदक के लिए भी नामित हुए.
उसूर में पदस्थापना के बाद ड्यूटी निभाने के अलावा टीआई नाग गांव के बच्चों को पढ़ा भी रहे हैं. टीआई बच्चों को किताबी ज्ञान देने के बजाय अच्छा इंसान बनने की सीख दे रहे हैं. वे बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, क्योंकि उन्हें काबिल इंसान बनने की सीख दे रहा शख्स खाकी वर्दी में जो था.
हमने जब बच्चों से चर्चा की तो उनका कहना था कि सर हमारे लिए वक़्त निकालकर आते हैं. हमसे खाने-पीने, जूते-मोजे, कॉपी-किताबें उपलब्ध होने की जानकारी लेते हैं. वे हमें मन लगाकर पढ़ने और जीवन में ऊंचा लक्ष्य लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. पहले पुलिस को देखकर डर लगता था, मगर अब नहीं. सर के दोस्ताना व्यवहार ने हमारा दिल जीत लिया है. हम रोज़ उनकी प्रतीक्षा करते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि ऑफिसर से प्रेरित होकर अधीनस्थ पुलिस अफसर और जवान भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इन्ही में से एक हैं उपनिरीक्षक ओपी त्रिपाठी, जिन्होंने सुदूर इलाकों के इन बच्चों में पढ़ने-लिखने के ज़ज्बे को जगाया है. पुलिस अफसरों के इस सामाजिक सरोकार से जनता भी विकास के लिए उत्सुक नज़र आ रही है.
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Tags: Bijapur news, Police officers