शौचालय निर्माण के भुगतान को लेकर भटक रहे ग्रामीण
उधार लेकर अपने गांव को शौच मुक्त बनाने वाले ग्रामीण अब सरकारी मदद के लिए एक साल से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं.बीजापुर जिला मुख्यालय से महज़ 15 किमी की दूरी पर स्थित पापनपाल ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने सरकार की अनुदान राशि की उम्मीद में उधार लेकर शौचालय तो बना डाले.मगर अब उसी अनुदान राशि के लिए यह ग्रामीण पिछले एक साल से सरकारी दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि पापंनपाल ग्राम पंचायत एक साल पहले ही ओडीएफ घोषित हो चुका है.जब क्षेत्र में जागरूकता अभियान चला तो हमने भी अपने गांव को शौच मुक्त ग्राम बनाने की ठानी और फिर शौचालय बनाने के लिए व्यापारियों से सामग्री उधार में ली.शौचालय बनाए एक साल बीत चुके हैं मगर सरकारी तंत्र की उदासीनता की वजह से अब तक हमको अनुदान राशि नहीं मिली है.नाराज़ और परेशान ग्रामीणों ने बताया कि वह जनपद पंचायत सीईओ और कलेक्टर से कई बार शिकायत भी कर चुके हैं मगर हमेशा से ही उन्हें आश्वासन ही मिला.
अब ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर अगले 3 दिनों में यदि उनकी अनुदान राशि उन्हें नहीं मिली तो जल्द ही वह उग्र आन्दोलन करेंगे. विदित हो कि यह स्थिति केवल एक गांव की नहीं है.क्षेत्र के अनेक गांवों में अपने धन से शौचालय बनवाने वाले ग्रामीण सरकारी भुगतान को ऐसे ही भटकते फिर रहे हैं पर उनको सरकारी कर्मचारी एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर चक्क कटवा रहे हैं.
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