ग्रामीणों ने लगाया फोर्स के जवानों पर मारपीट का आरोप
छत्तीसगढ़ के गंगालूर में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गश्त पर निकले सुरक्षाबल के जवानों ने उनके साथ मारपीट की है. जवानों पर आरोप है कि उन्होंने 15 ग्रामीणों के साथ ये कह कर मारपीट की कि उनके नक्सलियों के साथ संबंध है. फोर्स के जवानों ने पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा, उन्हें भी बेरहमी से पीटा. फिलहाल घायल ग्रामिणों का इलाज गंगालूर के एक निजी अस्पताल में चल रहा है.
सावनार निवासी रघु कुरसम का कहना है कि एक जून की सुबह तकरीबन 8 से 9 बजे के बीच पुलिस के जवान टैक्टरों से गांव में पहुंचे थे. इस समय गांव के कुछ युवक तेंदू पत्तों को बोरो में भरने का काम कर रहे थे, जबकि कुछ लोग घरेलू काम में लगे हुए थे. अचानक पहुंचे जवानों ने तेंदू पत्ता भर रहे युवकों को बंदूक के कूंदे और डंडों से पीटना शुरू कर दिया.
डर के मारे नहीं कराया सरकारी अस्पताल में इलाज
जवानों ने पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा. जवानों की मारपीट का शिकार बने पंद्रह लोगों में नौ नाबालिग हैं, जबकि पांच बच्चे स्कूली छात्र हैं, जो छुट्टियों में अपने गांव आए हुए थे. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने डर की वजह से जिला अस्पताल या गंगालूर के सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं कराया.
जवानों पर पहले भी लग चुके हैं आरोप
ग्रामीण का आरोप ये भी है कि इसके पहले सावनार से लगे गांव कोरचोली में भी फोर्स के जवानों ने गांव में लोगों के साथ बेरहमी से मारपीट की थी. जिस पर सर्व आदिवासी समाज ने जांच समिति बनाकर पीड़ितों से मिलने के बाद अपनी रिपोर्ट राज्यपाल के नाम ज्ञापन के तौर पर सौंपी थी.
हालांकि इस मामले में बीजापुर एसपी मोहित गर्ग का कहना है कि अब तक ग्रामीणों की तरफ से इस तरह की कोई भी शिकायत नहीं आई है. अगर शिकायत आती है तो मामले की जांच कर दोषी जवानों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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