फिल्म अभिनेता आमिर खान को बिलासपुर हाईकोर्ट से मिली राहत, दायर याचिका खारिज

आमिर खान अपनी पत्नी किरण के साथ (Photo Credit: Instagram/@_aamirkhan)
रायपुर के निवासी दीपक दीवान ने अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) के नवंबर 2015 में मीडिया में दिए इस बयान कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है, और उनकी पत्नी किरण ने यह सुझाव दिया था कि हमें देश छोड़ देना चाहिए के लिए उनके खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी
- News18Hindi
- Last Updated: November 26, 2020, 12:00 AM IST
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने फिल्म अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने एक्टर के खिलाफ दायर क्रिमिनल पिटीशन (Criminal Petition) को खारिज कर दी है. मामला हाईकोर्ट जस्टिस संजय के.अग्रवाल के सिंगल बेंच में लगा था. बता दें कि मीडिया में नवंबर 2015 में आमिर खान का यह बयान आया था कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है, और उनकी पत्नी किरण ने यह सुझाव दिया था कि हमें देश छोड़ देना चाहिए.
इस बयान के खिलाफ रायपुर के रहने वाले दीपक दीवान ने निचले अदालत में परिवाद पेश किया था जो खारिज हो गया था. परिवाद खारिज होने के बाद दीवान ने पुनर्विचार दायर किया. पुनर्विचार याचिका भी खारिज होने के बाद दीवान ने वकील अमीयकांत तिवारी के माध्यम से बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें आमिर खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) (बी) के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई थी. वहीं इस मामले में आमिर खान के वकील डीके ग्वालरे ने उनका पक्ष रखा था. उनका कहना था कि मजिस्ट्रेट ने तर्क संगत और विधि अनुरूप ही निर्णय दिया है, क्योंकि जिन धाराओं का जिक्र किया गया है, वो केंद्र और राज्य शासन की जांच का विषय है और उनका क्षेत्राधिकार है.
इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछले सुनवाई में आमिर खान और शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस संजय के. अग्रवाल की बेंच ने आमिर खान के खिलाफ पेश याचिका को खारिज कर दिया.
इस बयान के खिलाफ रायपुर के रहने वाले दीपक दीवान ने निचले अदालत में परिवाद पेश किया था जो खारिज हो गया था. परिवाद खारिज होने के बाद दीवान ने पुनर्विचार दायर किया. पुनर्विचार याचिका भी खारिज होने के बाद दीवान ने वकील अमीयकांत तिवारी के माध्यम से बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इसमें आमिर खान के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) (बी) के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई थी. वहीं इस मामले में आमिर खान के वकील डीके ग्वालरे ने उनका पक्ष रखा था. उनका कहना था कि मजिस्ट्रेट ने तर्क संगत और विधि अनुरूप ही निर्णय दिया है, क्योंकि जिन धाराओं का जिक्र किया गया है, वो केंद्र और राज्य शासन की जांच का विषय है और उनका क्षेत्राधिकार है.
इस मामले में हाईकोर्ट ने पिछले सुनवाई में आमिर खान और शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था. बुधवार को हुई सुनवाई में जस्टिस संजय के. अग्रवाल की बेंच ने आमिर खान के खिलाफ पेश याचिका को खारिज कर दिया.