बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस संजय के अग्रवाल और जस्टिस रजनी दुबे की डिविजन बेंच ने फांसी की एक सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. 8 साल के बेटे और 9 साल की बेटी की गला काटकर हत्या करने के आरोपी पिता को फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने बदलते हुुए उसे उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक आरोपी को प्राकृतिक मौत तक जेल के सीखचों के पीछे ही जिंदगी काटनी होगी.
हाईकोर्ट ने आरोपी की उम्र और अन्य परिस्थितियों को देखते हुए फ़ैसला सुनाया है. छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सरायपाली के एडीजे कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की गई थी. बता दें कि वारदात बसना थाना के कायतपाली में 25 जनवरी 2017 की रात को अंजाम दी गई, .यहां गांव में रहने वाला डोलालाल अपने 8 साल के बेटे शुभम और 9 साल की बेटी जास्मीन उर्फ सोनिया को अपने साथ खेत में ले गया. यहां धारदार हथियार से दोनों की गला काटकर हत्या कर दी. बेटे का गला काटकर फेंक दिया और बेटी के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे.
प्रकरण के मुताबिक आरोपी डोलालाल नशे का आदी और शक्की प्रवृत्ति का है. इसके चलते ही उसने बच्चों की हत्या कर दी थी. वह अपनी पत्नी पर शक करता था. हत्या के बाद आरोपी पिता घर से गायब हो गया था. पुलिस ने उसे सरायपाली के पास सागरपाली गांव से पकड़ा और था. मामले में महासमुंद जिले के सरायपाली के एडीजे कोर्ट ने घटना के करीब डेढ़ साल बाद 26 जून 2018 को फैसला दिया था, इसमें आरोपी को आईपीसी की धारा 302 (दो बार) के तहत मौत की सजा दी गई थी. एडीजे कोर्ट के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसपर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने एडीजे कोर्ट के फैसले को बदल दिया है. अब आरोपी पिता को मरते दम तक जेल में ही रखने की सजा दी गई है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: Chhattisgarh news, High Courts