छत्तीसगढ़ में एक प्रमुख नए एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना को लेकर दिए गए 14,000 करोड़ रुपए के कॉन्ट्रेक्ट्स की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका एनजीओ, सेंटर फॉर आरटीआई ने दायर की है. इसमें कॉन्ट्रेक्ट देने के लिए एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम के शीर्ष अधिकारियों पर अनियमितता का आरोप लगाया गया है.
याचिका में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) की ओर से अनुमानत: 30 लाख टन सालाना क्षमता की एकीकृत इस्पात परियोजना के लिए दिए गए ठेकों की जांच की अपील की गई है.
एनजीओ ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के पास नगरनार में एक अंतर संयंत्र पाइपलाइन गैस मिश्रण तथा बूस्टिंग स्टेशन का 148 करोड़ रुपए का ठेका एनआईसीसीओ कॉर्पोरेशन को दिया गया है, जबकि वह इसके लिए पात्र नहीं थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनआईसीसीओ ने अपने पात्र नहीं होने के बारे में तथ्यों को छिपाया.
इस परियोजना के लिए आधारशिला 3 सितंबर, 2008 को रखी गई थी. याचिका में दावा किया गया है कि अगस्त, 2010 तक परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका था. वहीं इस्पात संयंत्र के 16 प्रमुख पैकेज का आवंटन किया जा चुका है. इसकी लागत 14,000 करोड़ रुपए है.
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FIRST PUBLISHED : December 26, 2016, 18:55 IST