साल 2009 में हेलीकॉप्टर पर हमला करने वाले नक्सली दंपति ने किया आत्मसमर्पण
छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के गंगालूर पहाड़ी से साल 2009 में हेलीकॉप्टर पर हमला करने वाले नक्सली दंपति ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है. नक्सली दंपति पिछले 12 साल से नक्सलियों के साथ काम कर रहे थे.
जानकारी के मुताबिक बीजापुर के मुढेर बांगापाल निवासी दिनेश और उसकी पत्नी मीना उर्फ लखो ने बीते बुधवार को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है. दिनेश मिलिट्री इंटेलिजेंस और मीना पीडिया एलओएस की सदस्य के रूप में कार्य कर रहे हैं. इन पर 4 लाख का इनाम घोषित था. दंपति ने हेलीकाप्टर के फ्यूल टैंक पर इंसास राइफल से निशाना साधा था.
दिनेश ने बताया कि वर्ष 2009 में जब जवानों के लिए गंगालूर क्षेत्र में राशन लेकर हेलीकाप्टर पहाड़ के ऊपर से उड़ान भरा, तो दिनेश अपनी पत्नी मीना और करीब 300 साथियों के साथ उस हेलीकॉप्टर पर हमला किया था.
उन्हें पहले से ही निर्देश मिले थे कि हेलीकाप्टर पहाड़ी के ऊपर से गुजरेगा. उनकी प्लानिंग हेलीकाप्टर के फ्यूल टैंक को निशाना बनाना था ताकि हेलीकाप्टर पूरी तरह जलकर ध्वस्त हो जाए. इसी निर्देश पर पत्नी और 300 अन्य नक्सलियों के साथ वह पहाड़ी पर सुबह से डेरा डाल हुए थे.
दिनेश के मुताबिक साल 2012 में नक्सलियों ने उसे तमोड़ी में घर बनाकर दिया. इसके बाद दिनेश वहीं रहकर डीएकेएमएस नामक संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी थी.
भाई ने आत्मसमर्पण के लिए किया प्रेरित
हालांकि बड़े भाई के प्रेरित करने पर नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया. वहीं दिनेश के परिवार से और भी कई लोग नक्सली संगठन में शामिल हैं. उन्हें भी वह आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करेगा.
इधर, कुआकोंडा पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने बड़ेगुडरा के बड़दीपारा से एक नक्सली को भी गिरफ्तार किया है. इस बारे में दंतेवाड़ा एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया गया कि बामन पिता लखमा मंडावी (25) की पुलिस को लंबे समय से तलाश थी. उस पर मैलावाड़ा ब्लास्ट, दुग्ध वाहन की आगजनी, हत्या, लूट, आगजनी जैसे कई गंभीर आरोप है। उस एक लाख रुपए का इनाम घोषित था.
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