धमतरी में किसानों के बाद अब बीजेपी ने खोला कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा, लगाए ये आरोप

राज्य सरकार पर निशाना साधने की तैयारी में बीजेपी. (Demo PIc)
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने कहा है कि सरकार धान खरीदी में पूरी तरह से फेल है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: January 14, 2020, 1:18 PM IST
धमतरी. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के धमतरी (Dhamtari) जिले में धान खरीदी को लेकर किसानों के बाद अब बीजेपी (BJP) के विधायक (MLA) ने राज्य की कांग्रेस (Congress) सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. धमतरी में धान (Paddy) खरीदी में अनियमितताओं के कारण किसानों के प्रदर्शन के बाद अब पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है. कुरूद विधायक अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar) ने वीडियो (Video) जारी कर सरकार पर निशाना साधा और गंभीर आरोप भी लगाए हैं.
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने कहा है कि सरकार धान खरीदी में पूरी तरह से फेल है. इस कारण खरीदी का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है. अजय ने ये भी आरोप लगाए हैं कि सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश दे कर कहा है कि जितना हो सके किसानों को परेशान किया जाए. धान को रिजेक्ट किया जाए. किसानों की परेशानी बढ़ाई जाए.
किसानों की नाराजगी को भुनाने की कोशिश
पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर के तेवरों से साफ है कि इस पंचायत चुनाव के माहौल में किसानों की नाराजगी को भुना कर अपने पक्ष में किया जाए. वहीं किसानों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने भी तीन टोकन की लिमिट खत्म कर दी है. देखना होगा कि इससे किसानों की समस्या खत्म हो पाती है या नहीं. या फिर सारा विवाद चुनावी बन कर रह जाएगा.ये भी पढ़ें:
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बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) ने कहा है कि सरकार धान खरीदी में पूरी तरह से फेल है. इस कारण खरीदी का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं है. अजय ने ये भी आरोप लगाए हैं कि सरकार ने कलेक्टरों को निर्देश दे कर कहा है कि जितना हो सके किसानों को परेशान किया जाए. धान को रिजेक्ट किया जाए. किसानों की परेशानी बढ़ाई जाए.
किसानों की नाराजगी को भुनाने की कोशिश
पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर के तेवरों से साफ है कि इस पंचायत चुनाव के माहौल में किसानों की नाराजगी को भुना कर अपने पक्ष में किया जाए. वहीं किसानों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने भी तीन टोकन की लिमिट खत्म कर दी है. देखना होगा कि इससे किसानों की समस्या खत्म हो पाती है या नहीं. या फिर सारा विवाद चुनावी बन कर रह जाएगा.ये भी पढ़ें:
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