प्रधान पति का फरमान-ग्रामसभा में सिर्फ आदिवासी बोलें
धमतरी के नगरी ब्लाक के गांव रतावा में सरपंच पति की मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं. आरक्षण के चलते यहां महिला सरपंच चुनी गई है, लेकिन पंचायत पर नियंत्रण उसके पति का है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: October 12, 2017, 12:36 PM IST
धमतरी के नगरी ब्लाक के एक गांव रतावा में सरपंच पति की मनमानी और दादगिरी से ग्रामीण परेशान हैं. आरक्षण के चलते यहां महिला सरपंच चुनी गई है, लेकिन पंचायत पर नियंत्रण उसके पति का है. हद तो तब हो गई जब सरपंच पति ने ग्राम सभा में बात रखने को लेकर भी आरक्षण लगा दिया.
सरपंच पति ने आदिवासियों के अलावा अन्य जाति के लोगों को ग्राम सभा में बोलने पर ही रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया. इतना ही नहीं फरमान तोड़ने वाले के खिलाफ पुलिस में एफआईआर की धमकी भी दे डाली.
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सरपंच पति के खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में सरपंच पति पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि विभिन्न विकास कार्यों में धांधली के खिलाफ लोग आवाज उठाना चाहते थे. शौचालय, प्रधानमंत्री आवास, सड़क सहित अन्य निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. इसके चलते ही सरपंच पति ने बोलने पर ही रोक लगा दी है. इसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश है.
सरपंच पार्वती का कहना है कि निर्माण कार्यों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है. सरपंच पति की दादागिरी की बात से भी पार्वती ने इनकार किया है. मामले में धमतरी कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने बताया कि रतावा गांव के ग्रामीणों की शिकायत मिली है. शिकायत पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
सरपंच पति ने आदिवासियों के अलावा अन्य जाति के लोगों को ग्राम सभा में बोलने पर ही रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया. इतना ही नहीं फरमान तोड़ने वाले के खिलाफ पुलिस में एफआईआर की धमकी भी दे डाली.
रतावा गांव के गैर आदिवासी जाति के लोगों ने सरपंच पति की मनमानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से सरपंच पति के खिलाफ शिकायत की है. शिकायत में सरपंच पति पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए गए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि विभिन्न विकास कार्यों में धांधली के खिलाफ लोग आवाज उठाना चाहते थे. शौचालय, प्रधानमंत्री आवास, सड़क सहित अन्य निर्माण कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. इसके चलते ही सरपंच पति ने बोलने पर ही रोक लगा दी है. इसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश है.
इस पूरे मामले में रतावा की सरपंच पार्वती ठाकुर ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
सरपंच पार्वती का कहना है कि निर्माण कार्यों में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है. सरपंच पति की दादागिरी की बात से भी पार्वती ने इनकार किया है. मामले में धमतरी कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने बताया कि रतावा गांव के ग्रामीणों की शिकायत मिली है. शिकायत पर जांच कमेटी गठित कर दी गई है. कमेटी की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.