सीमेंट की मूर्ति बनाते हुए मूर्तिकार
रिपोर्ट : लखेश्वर यादव
जांजगीर चांपा. सक्ती जिले के ग्राम किरारी के रामपुर मोहल्ला और ग्राम रेड़ा में लोग सीमेंट की मूर्तियां बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं. डभरा ब्लाक के ग्राम किरारी के एक छोटे से मोहल्ले रामपुर एवं ग्राम रेड़ा के सड़क किनारे बसे मोहल्ले व बस्ती में रह रहे अधिकांश परिवार गरीब वर्ग के हैं. जो कई बरसों से सीमेंट की मूर्तियां एवं मंदिर बनाते हैं. महंगाई की मार झेल रहे मजदूर मूर्तिकार देवी-देवताओं सहित कई तरह-तरह की मूर्तियां बना रहे हैं. इसी मूर्ति की बिक्री से इनका परिवार चल रहा है. बच्चों की पढ़ाई लिखाई का भी खर्च भी इसी से उठा रहे हैं. सीमेंट की मूर्ति बनाने में परिवार के सभी सदस्य मदद करते हैं.
मूर्तिकार ने बताया कि आसपास के अलावा दूर-दराज के लोग भी मूर्ति बनाने पहुंचते हैं. सीमेंट की एक मूर्ति बनाने में कई दिन लग जाते हैं. ग्राम रेड़ा के मूर्तिकार उत्तम पटेल ने बताया कि वे मूर्ति बनाने का काम 16 साल से कर रहे हैं. उनके पिता भी यह काम करते थे. वे लोगों की मांग के अनुरूप मूर्ति तैयार करते हैं. इसके साथ-साथ थोड़ी सी खेती भी करते हैं. इन दोनों को मिलाकर खर्च चलता है. कई कारीगर मजदूर भी मूर्ति बनाने में उनकी मदद करते हैं. वे पूजा कमरे के लिए मंदिर, तुलसी चौरा, ठाकुर देव, अशोक स्तंभ, रामकृष्ण, लक्ष्मी, गणेश की मूर्ति तैयार करते हैं.
मूर्तिकार उत्तम पटेल ने बताया कि उनकी मूर्तियों की मांग रायगढ़, जशपुर, रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर के अलावा ओडिशा तक में है. आसपास के ग्रामीण भी यहां से मूर्तियां ले जाते हैं. मूर्ति बनाने में जितनी मेहनत लगती है और जितना समय लगता है, उस हिसाब से मूर्ति की कीमत नहीं मिल पाती है.
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