रिपोर्ट : लखेश्वर यादव
जांजगीर चांपा. सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 75 जोड़े शादी के बंधन में बंधे. इनमें कुछ जोड़ों की शादी खास रही. पामगढ़ परियोजना के एक दिव्यांग जोड़े सोनू कुमार रात्रे और नीलम तांडे हमसफर बने तो नवागढ़ परियोजना के पास्टर किशन और निकिता की शादी उनकी इच्छा के अनुसार ईसाई (Christian Rituals) धर्म की रीति रिवाज से करवाई गई. इस पूरे कार्यक्रम में सबसे खास बात यह रही कि इन सभी जोड़ों ने शादी के बंधन में बंधते हुए सात की जगह आठ वचन लिये. बाल विवाह/दहेज (Child Marriage and Dowry) की रोकथाम के संबंध में इन्हें आठवें वचन के तौर पर शपथ दिलाई गई.
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत जिला मुख्यालय जांजगीर के हाईस्कूल मैदान में सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राजस्व एवं आपदा प्रबंधन पुर्नावास, पंजीयन, स्टाम्प एवं जिले के प्रभारी मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने सभी वर-वधुओं को खुशहाल और सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया.
हाई स्कूल मैदान जांजगीर में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्षए प्रभारी मंत्रीए वर. वधु, जनप्रतिनिधियों सहित उपस्थित सभी लोगों ने बाल विवाह/दहेज के खिलाफ शपथ ली. सभी ने इस तरह कसम खाई:
– 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम के लड़के की शादी नहीं कराएंगे.
– बाल विवाह में सम्मिलित नहीं होंगे.
– बाल विवाह होता दिखा तो इसकी रोकथाम के लिए शासन प्रशासन का सहयोग करेंगे.
– दहेज का लेन-देन नहीं करेंगे.
– सड़क पर या कहीं छोड़े गए बच्चों के पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे.
सामूहिक कार्यक्रम में परियोजना बलौदा से 15, अकलतरा से 15, पामगढ़ से 10, नवागढ़ से 15 और बम्हनीडीह और जांजगीर से 10-10 जोड़ों का विवाह कराया गया. इन 75 जोड़ों की शादी में हिंदू और ईसाई रीति रिवाज नजर आए. सभी को उपहार सहित 1000 रुपये नकद भेंट भी किए गए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत ने कहा कि राज्य के किसान, मजदूर, गरीब परिवार सहित अन्य जरूरतमंद लोगों की शादी की चिंता को दूर करने के लिए राज्य शासन द्वारा ‘मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना’ का लाभ सभी जरूरतमंद लोगों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदो को ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित करने के लिए नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना, राजीव गांधी न्याय योजना, रीपा जैसे विभिन्न योजना सहित वर्तमान में प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा भी की गई है. उन्होंने कहा कि विवाह कार्यक्रम में दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही समाजिक बुराई है.
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Tags: Chhattisagrh news, Marriage ceremony
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