भारत-चीन झड़प में छत्तीसगढ़ ने दी 'आहुति', लद्दाख में शहीद हुआ कांकेर का सपूत गणेश कुंजाम

छत्तीसगढ़ का जवान शहीद.
कांकेर के रहने वाले वीर गणेश कुंजाम (Martyr Ganesh Kunjam) वर्तमान में 16 बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) में सिपाही के पद पर कार्यरत थे. शहीद जवान चारामा ब्लॉक के कुटरुथाना क्षेत्र के गिधौली गांव के रहने वाले थे.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: June 17, 2020, 4:31 PM IST
कांकेर. भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख स्थित गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) ने भी आहुति दी है. चीनी सैनिकों के साथ झड़प में कांकेर जिले के वीर जवान गणेश कुंजाम शहीद हो गए. गणेश 16 बिहार रेजीमेंट (Bihar Regiment) में सिपाही के पद पर कार्यरत थे. शहीद जवान चारामा ब्लॉक के कुटरुथाना क्षेत्र के गिधौली गांव के रहने वाले थे. जानकारी के मुताबिक, शहीद जवान का पार्थिव शरीर गुरुवार शाम तक उनके गांव पहुंच सकता है.
शहीद के परिजन तिहारूराम कुंजाम के मुताबिक, सेना के अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर फोन कर गणेश के शहादत की जानकारी दी. जवान के शहीद होने की खबर सुनते ही पूरे इलाके में मातम पसर गया है. शहीद के परिवार से मुलाकात करने स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी गांव पहुंचे हैं. एपसी एमआर अहिरे सहिता जिला प्रशासन की टीम परिजनों से बातचीत करने गिधौली पहुंचे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीद जवानों के शोकसंतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है.
LAC में हुई थी झड़पआपको बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार की रात भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सेना के जवानों की भिड़ंत हुई. इस दौरान चीन के सैनिकों ने लाठियों और धारदार चीजों से भारतीय सेना के जवानों पर हमला कर दिया. इस हमले में आर्मी के कमांडिंग अफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए. वहीं, भारतीय सेना के 4 जवानों की हालत नाजुक है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई भिड़ंत में चीन के 43 सैनिकों के भी हताहत होने की खबर है. हालांकि चीन ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है.
जारी किया गया अलर्ट
हिमाचल सरकार ने लद्दाख में भारतीय और चीनी फौजियों के बीच हुई झड़प के बाद अलर्ट जारी कर दिया है. गृह विभाग ने किन्नौर और लाहौल स्पीति प्रशासन को भारत-चीन सीमा विवाद की पल-पल की खबर पर नजर रखने को कहा है. साथ ही कहा है कि कुछ भी अवांछित प्रतीत हो तो राज्य सरकार को सूचित करें. इसके अलावा सरकार ने राज्य खुफिया एजेंसी को पल-पल की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गये हैं.
सूत्रों ने बताया कि दोनों ओर की सेनाओं के सैनिकों को लड़ाई में गंभीर चोटें आईं. सूत्रों ने कहा कि गहन चिकित्सा के लिए ऐसे सैनिकों को सैन्य अस्पतालों में ले जाया गया है. जबकि पॉइंट 14, गलवान और श्योक नदियों के संगम के पास है. पिछले सप्ताह एक डिवीजन कमांडर-स्तरीय बैठक इसी स्थान पर हुई थी, जहां भारतीय सेना और पीएलए ने सैनिकों को कम करने के लिए सहमति जताई थी. इस कदम को मई से शुरू हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महीनों पुराने संकट के समाप्त होने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा गया था.

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शहीद के परिजन तिहारूराम कुंजाम के मुताबिक, सेना के अधिकारियों ने मंगलवार दोपहर फोन कर गणेश के शहादत की जानकारी दी. जवान के शहीद होने की खबर सुनते ही पूरे इलाके में मातम पसर गया है. शहीद के परिवार से मुलाकात करने स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी गांव पहुंचे हैं. एपसी एमआर अहिरे सहिता जिला प्रशासन की टीम परिजनों से बातचीत करने गिधौली पहुंचे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शहीद जवानों के शोकसंतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति प्रकट की है.

Names of the 20 Indian Army personnel who lost their lives in the "violent face-off" with China in Galwan Valley, Ladakh. pic.twitter.com/GD5HFVr6U8
— ANI (@ANI) June 17, 2020
जारी किया गया अलर्ट
हिमाचल सरकार ने लद्दाख में भारतीय और चीनी फौजियों के बीच हुई झड़प के बाद अलर्ट जारी कर दिया है. गृह विभाग ने किन्नौर और लाहौल स्पीति प्रशासन को भारत-चीन सीमा विवाद की पल-पल की खबर पर नजर रखने को कहा है. साथ ही कहा है कि कुछ भी अवांछित प्रतीत हो तो राज्य सरकार को सूचित करें. इसके अलावा सरकार ने राज्य खुफिया एजेंसी को पल-पल की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गये हैं.
सूत्रों ने बताया कि दोनों ओर की सेनाओं के सैनिकों को लड़ाई में गंभीर चोटें आईं. सूत्रों ने कहा कि गहन चिकित्सा के लिए ऐसे सैनिकों को सैन्य अस्पतालों में ले जाया गया है. जबकि पॉइंट 14, गलवान और श्योक नदियों के संगम के पास है. पिछले सप्ताह एक डिवीजन कमांडर-स्तरीय बैठक इसी स्थान पर हुई थी, जहां भारतीय सेना और पीएलए ने सैनिकों को कम करने के लिए सहमति जताई थी. इस कदम को मई से शुरू हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर महीनों पुराने संकट के समाप्त होने की दिशा में पहले कदम के रूप में देखा गया था.
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