कांकेर. नक्सली मुठभेड़ में कई जवानों की शहादत हुई हैं. बीजापुर के तर्रेम इलाके में शनिवार की दोपहर नक्सली हमले (Naxalite attack) में कांकेर ( Kanker) जिले के रहने वाले जवान रमेश जुर्री ( Ramesh Jurri) भी शहीद हो गए हैं. 10 दिन के भीतर दूसरे बड़े नक्सली हमले में जिले का तीसरा जवान शहीद हुआ है. इसके पहले 23 मार्च को नारायणपुर में डीआरजी की बस को नक्सलियों ने ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. उस घटना में कांकेर जिले के दो जवान समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. बीजापुर नक्सल हमले में शहीद रमेश जुर्री चारामा के पंडरीपानी के रहने वाले थे.
रमेश जुर्री के शहीद होने की खबर मिलते ही उनके गांव में मातम पसर गया है. हर किसी की आंख अपने गांव के बहादुर बेटे के लिए नम है. वहीं शहीद की मां को अब तक इस बात की जानाकरी नहीं दी गई है, कि उसका बेटा अब कभी लौट कर नहीं आएगा. शहीद रमेश का पार्थिव शरीर कल दोपहर तक उनके गृह ग्राम लाया जाएगा. जिसके बाद शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. शहीद रमेश जुर्री अपनी पत्नी और चार साल की बेटी के साथ बीजापुर में ही रहते थे. 3 दिन पहले ही उनकी मां बीजापुर से अपने बेटे से मिलकर गांव लौटी थीं.
रमेश तीन दिन पहले की अपनी मां से मिला था. इसके बाद वह अपने साथी जवानों के साथ गस्त पर निकल गए थे और इसी बीच नक्सलियों की कायराना करतूत के चलते शहीद हो गए. रमेश 2010 से बीजापुर डीआरजी में पदस्थ थे. 2 माह पहले ही रमेश का आरक्षक से प्रधान आरक्षक पर प्रमोशन हुआ था. रमेश की शादी 2015 में हुई थी और उनकी एक चार साल की मासूम बेटी है, जिसके सिर से पिता का साया उठ गया है. नक्सलियों की कायाराना करतूत के चलते आज फिर बस्तर की धरती खून से रंग गई हैं.
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FIRST PUBLISHED : April 04, 2021, 22:54 IST