समोसा बेचने वाले अजय शिवसेना की टिकट से कवर्धा सीट पर आजमा रहे किस्मत

समोसा बेचने वाले अजय शिवसेना की टिकट से कवर्धा सीट पर आजमा रहे किस्मत
कवर्धा जिले में समोसा बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले अजय पाली उर्फ बाबा इस विधानसभा चुनाव में शिवसेना की टिकट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: November 9, 2018, 9:59 AM IST
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में समोसा बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले अजय पाली उर्फ बाबा इस विधानसभा चुनाव में शिवसेना की टिकट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सुबह से रात तक मेहनत कर अपनी कमाई हुई एक-एक रुपए चुनाव में खर्च करना चाह रहे हैं.
पूछे जाने पर अजय पाली ने कहा कि वजह कुछ खास नहीं है और जीत-हार भी अपनी जगह है. दरअसल, उनके मन में जनता की सेवा करने की प्रबल भावना है. यही वजह है कि कम रकम और संसाधन के अभाव होने के बाद भी वे चुनाव मैदान में खड़े हैं. बता दें कि इससे पहले भी बाबा 3 बार चुनाव लड़ चुके हैं. दो बिलासपुर लोकसभा से और एक राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं नगर पालिका चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं.
अजय पाली ने अपनी दुकान का नामकरण नहीं किया है बल्कि लोगों ने ही इस दुकान का नाम रख लिया है. लोग इन्हें बाबा समोसा वाले के नाम से जानते हैं. पूरे शहर में इनके समोसे की काफी डिमांड है. बाबा की दुकान की खासियत यही है कि यहां कभी भी ठंडा समोसा नहीं मिलता.
खरीदने वाले को 20 मिनट से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. चुनाव प्रसार के चलते अभी दुकान में समय कम दे पा रहे हैं, लेकिन जब भी समय मिलता है बिना संकोच अपने मूल काम में जुट जाते हैं. शिवसेना का पट्टा गले में लगा. समोसा बनाने के हुनर के साथ लोगों को अपनी ओर खींचने की जुगत में लगे रहते हैं.बहरहाल, समोसा वाले बाबा को जनता का कितना प्यार मिलता है, ये तो आगामी 11 दिसंबर को ही पता चलेगा. हालांकि चुनाव और परिणाम से पहले ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में बाबा सफल रहे हैं. अजय पाली उर्फ बाबा की इच्छा है कि वे शिवसेना का झंडा कवर्धा में गाड़े.
ये भी पढ़ें:- छत्तीसगढ़ चुनाव: निर्वाचन आयोग की टीम ने बरामद किए 2 करोड़ 66 लाख रुपये
ये भी देखें:- VIDEO: मतदाता जागरूक्ता अभियान का आयोजन, कलेक्टर भी रहे मौजूद
पूछे जाने पर अजय पाली ने कहा कि वजह कुछ खास नहीं है और जीत-हार भी अपनी जगह है. दरअसल, उनके मन में जनता की सेवा करने की प्रबल भावना है. यही वजह है कि कम रकम और संसाधन के अभाव होने के बाद भी वे चुनाव मैदान में खड़े हैं. बता दें कि इससे पहले भी बाबा 3 बार चुनाव लड़ चुके हैं. दो बिलासपुर लोकसभा से और एक राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं. वहीं नगर पालिका चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमा चुके हैं.
अजय पाली ने अपनी दुकान का नामकरण नहीं किया है बल्कि लोगों ने ही इस दुकान का नाम रख लिया है. लोग इन्हें बाबा समोसा वाले के नाम से जानते हैं. पूरे शहर में इनके समोसे की काफी डिमांड है. बाबा की दुकान की खासियत यही है कि यहां कभी भी ठंडा समोसा नहीं मिलता.
खरीदने वाले को 20 मिनट से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ता है. चुनाव प्रसार के चलते अभी दुकान में समय कम दे पा रहे हैं, लेकिन जब भी समय मिलता है बिना संकोच अपने मूल काम में जुट जाते हैं. शिवसेना का पट्टा गले में लगा. समोसा बनाने के हुनर के साथ लोगों को अपनी ओर खींचने की जुगत में लगे रहते हैं.बहरहाल, समोसा वाले बाबा को जनता का कितना प्यार मिलता है, ये तो आगामी 11 दिसंबर को ही पता चलेगा. हालांकि चुनाव और परिणाम से पहले ही लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने में बाबा सफल रहे हैं. अजय पाली उर्फ बाबा की इच्छा है कि वे शिवसेना का झंडा कवर्धा में गाड़े.
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