लाल आतंक का कहर, पुलिस मुखबिरी के शक में अधेड़ की हत्या

कवर्धा में लाल आतंक
25 अगस्त शनिवार की रात सात से आठ बजे की करीब 10-12 हथियार बंद नक्सली गांव में रहने वाले किराणा दुकान व्यवसायी हेम प्रसाद शर्मा को अगवा कर गांव के बाहर ले गए, जहां उस पर पुलिस के मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उसकी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: August 27, 2018, 8:52 AM IST
कवर्धा में एक बार फिर लाल आतंक का घिनौना चेहरा देखने को मिला है. पुलिस की मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने एक अधेड़ की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी. नक्सलियों ने ग्रामीण हेम प्रसाद शर्मा को सिर में गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. नक्सलियों के इस कृत्य के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है.
एसपी डॉ. लाल उम्मद सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला झलमला थाना इलाके के बोल्दाकलां गांव का है. 25 अगस्त शनिवार की रात सात से आठ बजे की करीब 10-12 हथियार बंद नक्सली गांव में रहने वाले किराणा दुकान व्यवसायी हेम प्रसाद शर्मा को अगवा कर गांव के बाहर ले गए, जहां उस पर पुलिस के मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उसकी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी.
शव के पास से नक्सली पर्चा भी मिला है, जिसमें हत्या की वजह पुलिस की मुखबिरी बताई गई है. पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. आपको बता दें कि नक्सलियों की आमदगी के बाद ये पहली घटना है, जब उन्होंने किसी ग्रामीण की हत्या की गई हो. नक्सली कमांडर पहाड़ सिंह के सरेंडर के बाद नक्सली बौखलाए हुए हैं, जिसके चलते उनके द्वारा इस तहत की अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है. घटना के बाद से क्षेत्र में पुलिस सर्चिंग बढ़ा दी गई है.
एसपी डॉ. लाल उम्मद सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला झलमला थाना इलाके के बोल्दाकलां गांव का है. 25 अगस्त शनिवार की रात सात से आठ बजे की करीब 10-12 हथियार बंद नक्सली गांव में रहने वाले किराणा दुकान व्यवसायी हेम प्रसाद शर्मा को अगवा कर गांव के बाहर ले गए, जहां उस पर पुलिस के मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए उसकी सिर में गोली मारकर हत्या कर दी.
शव के पास से नक्सली पर्चा भी मिला है, जिसमें हत्या की वजह पुलिस की मुखबिरी बताई गई है. पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. आपको बता दें कि नक्सलियों की आमदगी के बाद ये पहली घटना है, जब उन्होंने किसी ग्रामीण की हत्या की गई हो. नक्सली कमांडर पहाड़ सिंह के सरेंडर के बाद नक्सली बौखलाए हुए हैं, जिसके चलते उनके द्वारा इस तहत की अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है. घटना के बाद से क्षेत्र में पुलिस सर्चिंग बढ़ा दी गई है.