जमीन दलाल और पटवारी ने मिलकर फर्जी तरीके से बेची एक किसान को जमीन

जमीन दलाल और पटवारी ने मिलकर फर्जी तरीके से बेची एक किसान को जमीन
जमीन दलाल ने पटवारी के साथ मिलकर रोड की जमीन को प्लॉट बताकर एक किसान को बेच दिया. शिकायत मिलने पर कोर्ट ने मामले में जांच का आदेश दिया है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: June 30, 2018, 2:56 PM IST
छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में फर्जी तरीके से जमीन बेचने का एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है. दरअसल, जमीन दलाल ने पटवारी के साथ मिलकर रोड की जमीन को प्लॉट बताकर बेच दिया है. बता दें कि 5 लाख 75 हजार रुपए में सौदा कर फर्जी तरीके से जमीन की रजिस्ट्री भी कर दी गई है. अब कोर्ट ने दलाल और पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.
पूरा मामला
गौरतलब है कि ग्राम इंदौरी में रहने वाले रमेश साहू ने अपनी पत्नी सोनिया साहू के नाम पर जमीन ली थी. कवर्धा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 17 के कांग्रेसी पार्षद ज्ञान प्रकाश बघेल ने उनसे सौदा कर जमीन बेची थी. इसमें पटवारी सुरेश कुमार तारम भी शामिल था. दोनों ने मिलकर किसान को 5.75 लाख में जमीन का सौदा कर रजिस्ट्री भी करा दी. मामले का खुलासा तब हुआ जब किसान ने प्रमाणीकरण करने को कहा.
आरोपी पटवारी सुरेश कुमार तारम ने ही पीड़ित किसान को बताया कि "तुम्हारी जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हुई है. वो जमीन सड़क के लिए है, प्लॉट के नहीं." इस पर किसान ने आपत्ति दर्ज कराते हुए पैसे वापस लेने की मांग की, लेकिन दोनों ने काफी समय तक उसे टालमटोल करते रहे और पैसे वापस नहीं किए.वहीं थाने में शिकायत करने के बाद भी जांच नहीं हुई. इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली. पुलिस को निर्देश दिया गया कि वो तत्काल एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू करे.
पूरा मामला
गौरतलब है कि ग्राम इंदौरी में रहने वाले रमेश साहू ने अपनी पत्नी सोनिया साहू के नाम पर जमीन ली थी. कवर्धा नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 17 के कांग्रेसी पार्षद ज्ञान प्रकाश बघेल ने उनसे सौदा कर जमीन बेची थी. इसमें पटवारी सुरेश कुमार तारम भी शामिल था. दोनों ने मिलकर किसान को 5.75 लाख में जमीन का सौदा कर रजिस्ट्री भी करा दी. मामले का खुलासा तब हुआ जब किसान ने प्रमाणीकरण करने को कहा.
आरोपी पटवारी सुरेश कुमार तारम ने ही पीड़ित किसान को बताया कि "तुम्हारी जमीन फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हुई है. वो जमीन सड़क के लिए है, प्लॉट के नहीं." इस पर किसान ने आपत्ति दर्ज कराते हुए पैसे वापस लेने की मांग की, लेकिन दोनों ने काफी समय तक उसे टालमटोल करते रहे और पैसे वापस नहीं किए.वहीं थाने में शिकायत करने के बाद भी जांच नहीं हुई. इसके बाद पीड़ित ने न्यायालय की शरण ली. पुलिस को निर्देश दिया गया कि वो तत्काल एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू करे.