रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के साथ-साथ खेतों में काम करने वाले मजदूर और अन्य श्रमिकों को हर साल 7 हजार रुपये की राशि दे रही है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत यह राशि सरकार के द्वारा बांटी जा रही है. राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 फरवीर को 70 करोड़ 90 लाख 26 हजार रुपए की राशि 3 लाख 54 हजार 513 हितग्राहियों के खाते में जमा कराई थी.
इसके साथ ही 31 मार्च 2022 को 71 करोड़ 08 लाख 04 हजार हजार रुपए की राशि 3 लाख 55 हजार 402 हितग्राहियों के खाते में जमा कराई है. इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के तहत 21 मई को 70 करोड़ 95 लाख 32 हजार रुपए की राशि 3 लाख 54 हजार 766 हितग्राहियों के खाते में सीधे डीबीटी से जमा कराई गई है.
इन्हें मिल रहा फायदा
इस योजना का लाभ किसानों के साथ-साथ खेतों में काम करने वाले मजदूर और अन्य श्रमिकों को दिया जा रहा है. कृषि प्रधान और धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य में धान और किसान हमेशा से ही राजनीति के केंद्र बिन्दु रहे हैं. इस योजना के तहत भूमिहीन कृषि मजदूर, पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, पुजारी, बैगा-गुनिया, मांझी, हाट-पहरिया और बाजा मोहरिया कार्य से जुड़े हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है.
राज्य के करीब 10 लाख परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने हमें सख्त निर्देश दिए हैं कि गरीबों के खाते में राशी डाली जाए. इससे आर्थिक संकट के दौर से गरीब लोग बचे रहें. सीएम बघेल ने कहा कि जिस तरह किसानों को मिली आर्थिक मदद से बाजार को संबल मिला और अर्थव्यवस्था पूरी तरह नहीं गिरी. इसी तरह भूमिहीन मजदूरों-किसानों को मिलने वाली इस राशि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मदद मिलेगी. बघेल ने कहा कि हम ग्रामीण भूमिहीन गरीब परिवारों की मदद करना चाहते थे. हमारा यह सपना पूरा हो गया है.
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