कवर्धा की दो सीटों के लिए कांग्रेस दावेदारों की लगी लंबी लाइन

कवर्धा की दो सीटों के लिए कांग्रेस दावेदारों की लगी लंबी लाइन
कवर्धा विधानसभा से मो. अकबर समेत 8 कांग्रेसियों ने अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं पंडरिया विधानसभा के लिए 20 लोगों ने दावेदारी ठोंकी है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: August 9, 2018, 12:05 PM IST
छत्तीसगढ़ में कवर्धा जिले की दो विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस में दावेदारों की लंबी लाइन लगी हुई है. कवर्धा और पंडरिया विधानसभा सीट के दावेदारों से बीते 7 अगस्त तक फॉर्म जमा कराए गए थे. इसमें कवर्धा विधानसभा से मो. अकबर समेत 8 कांग्रेसियों ने अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं पंडरिया विधानसभा के लिए 20 लोगों ने दावेदारी ठोंकी है.
इसमें कवर्धा से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मो. अकबर का चुनाव लड़ना तय है. बावजूद इसके 7 अन्य लोगों ने दावेदारी पेश की है. वहीं पंडरिया से कोई चेहरा साफ नहीं है, लेकिन अर्जुन तिवारी सशक्त दावेदार माने जा रहे हैं. हांलाकि पूर्व विधायक योगेश्वर राज सिंह के भी कांग्रेस से टिकट मिलने पर पंडरिया से चुनाव लड़ने की अटकले लगाई जा रही हैं. इतने दावेदारों ने पार्टी के लिए परेशानी बढ़ा दी है.
कवर्धा कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष रामकृष्ण साहू ने कहा कि पंडरिया के लिए 21 फॉर्म थे, जिसमें 20 फॉर्म जमा हुए हैं. वहीं कवर्धा के 10 फॉर्म में कुछ फॉर्म आने वाले हैं.
सभी को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. पार्टी चाह रही है कि एक विधानसभा से दो-तीन लोगों के ही नाम जाए, जिनमें से एक का नाम फाइनल किया जा सके. अब देखने वाली बात होगी कि पार्टी की ये नई नीति कांग्रेस के लिए फायदेमंद होती है या नुकसानदेह साबित होती है. वहीं बीजेपी अभी इस पूरे मामले में नजर बनाए हुई है. समय आने पर वे अपने पत्ते खोलेंगे.
इसमें कवर्धा से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मो. अकबर का चुनाव लड़ना तय है. बावजूद इसके 7 अन्य लोगों ने दावेदारी पेश की है. वहीं पंडरिया से कोई चेहरा साफ नहीं है, लेकिन अर्जुन तिवारी सशक्त दावेदार माने जा रहे हैं. हांलाकि पूर्व विधायक योगेश्वर राज सिंह के भी कांग्रेस से टिकट मिलने पर पंडरिया से चुनाव लड़ने की अटकले लगाई जा रही हैं. इतने दावेदारों ने पार्टी के लिए परेशानी बढ़ा दी है.
कवर्धा कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष रामकृष्ण साहू ने कहा कि पंडरिया के लिए 21 फॉर्म थे, जिसमें 20 फॉर्म जमा हुए हैं. वहीं कवर्धा के 10 फॉर्म में कुछ फॉर्म आने वाले हैं.
सभी को मनाने का प्रयास किया जा रहा है. पार्टी चाह रही है कि एक विधानसभा से दो-तीन लोगों के ही नाम जाए, जिनमें से एक का नाम फाइनल किया जा सके. अब देखने वाली बात होगी कि पार्टी की ये नई नीति कांग्रेस के लिए फायदेमंद होती है या नुकसानदेह साबित होती है. वहीं बीजेपी अभी इस पूरे मामले में नजर बनाए हुई है. समय आने पर वे अपने पत्ते खोलेंगे.