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छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन के कारण माओवादी अब बैकफुट पर आ गए है. दक्षिण बस्तर इलाके में उत्पात मचा रहे नक्सली फ़ोर्स के बढ़ते दबाव के कारण अब उत्तर के दुर्गम इलाकों में अपना ट्रेनिंग सेंटर चला रहे है. इसका खुलासा तब हुआ जब दो दिनों तक सर्चिंग कर रही सुरक्षा बलों ने तुसवाल के जंगल में नक्सली कैम्प को ध्वस्त करने में कामयाबी हासिल की. माओवादियों के इस कैम्प से ट्रेनिंग सेंटर संचालित होने के दस्तावेज सुरक्षा बल के हाथ लगे है. एंटी नक्सल ऑपरेशन डीएसपी दीपक मिश्रा ने जानकारी देते बताया कि नक्सली कैम्प से मिले दस्तावेजों से ऐसा लगता है की नक्सली अपना शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कैम्प तुसपाल में चला रहे थे.
एंटी नक्सल ऑपरेशन डीएसपी दीपक मिश्रा ने कहा कि तुसपाल के जंगल में फ़ोर्स को न केवल विस्फोटकों का जखीरा मिला, इसके साथ ही भोजन बनाने के लिए बड़े-बड़े बर्तन, ड्रम, दैनिक उपयोगी सामान के साथ ही कंबल- गद्दे सहित अन्य कई चीजे मिली है. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस सरहदी इलाके के घने जंगल में माओवादी बड़े कैडर के लीडर के नेतृत्व में अपना प्रशिक्षण कैम्प का संचालित कर रहे थे. डीएसपी दीपक मिश्रा ने कहा की कैम्प से ऐसे साबूत भी मिले है जिससे लगता है कि यहां पर बड़े नक्सलियों का आना-जाना रहा होगा.
लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है. इस लिहाज से सुरक्षा बलों ने अंदरूनी इलाकों में लगातार गश्त और सर्चिंग शुरू कर दी है.
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Tags: Naxal, Naxal Movement in India, Naxal search operation