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korba news: कभी देखा है पानी वाला पेड़? कोरबा में तालाब या नदी नहीं पेड़ बुझा रहा है लोगों की प्यास

इस रहस्यमयी पेड़ से करीब एक सदी से भी अधिक समय से चार गांव के एक बड़ी आबादी की प्यास बुझ रहा है. पेड़ के जड़ में पाइप ल ...अधिक पढ़ें

अनूप पासवान
कोरबा :
इंसान चाहे लाख दावे कर ले, लेकिन प्रकृति की हर खूबी हर रहस्य का जान पाने के दावे हमेशा टूटते ही रहेंगे. जब-जब आपको लगेगा कि अब आप सबकुछ जान गए तभी प्रकृति कुछ ऐसा लाकर सामने रख देगी जो आपकी आंखें चौंधियाने पर मजबूर कर देगी. पेड़ और पानी का अटूट रिश्ता है ये तो हमेने बचपन की किताबों में पढ़ा ही है कि कैसे बारिश के लिए पेड़, और पेड़ के लिए पानी ज़रूरी होता है. लेकिन क्या कभी आपने पानी वाला पेड़ देखा है? नहीं न, तो चलिए आज देख लीजिए.
कोरबा जिले से 22 किलोमीटर दूर ग्राम कोरकोमा में अर्जुन के पेड़ के जड़ से निरंतर स्वछ पानी निकलता रहता है.

इस प्राकृतिक जलस्त्रोत से करीब एक सदी से भी अधिक समय से चार गांव के एक बड़ी आबादी की प्यास बुझ रहा है. पेड़ के जड़ में पाइप लगाया गया है और तीन अलग-अलग जगहों पर पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है.

दादा- परदादा के समय से गाँव की प्यास बुझा रहा है यह पेड़ :
कोरकोमा के ग्रामीण संतोष केशरवानी बताते हैं कि 5वीं पीढ़ी उनकी गांव में है. बचपन से वे इस पेड़ से पानी निकलता देख रहे हैं. वे बताते है कि यह सुनते-सुनते बड़े हुए हैं कि उनके दादा और परदादा के जमाने मे भी इस पेड़ से जल निकलता रहा है. इस जल में गांव वालों की आस्था है, मान्यता है कि इस पानी को पीने से रोग दूर होते हैं.

ग्रामीण मानते है इसे देव-स्थान :
ग्रामीण मनोज कुमार बताते हैं कि वृक्ष के जड़ से निकलने वाले पानी का सेवन करने से गैस्ट्रिक, कब्ज, शुगर सहित अन्य रोगों में लाभ मिलता है साथ ही इस पानी से नहाने में चर्मरोग भी ठीक होता है. यह प्राकृतिक जल स्रोत उनके लिए वरदान है. इसलिए इस जल स्रोत को गांव वाले देव स्थान मान कर इसकी पूजा करते हैं.

बॉटनी के प्रोफेसर ने बताया वैज्ञानिक कारण:
इस संबंध में बॉटनी के प्रोफेसर डॉक्टर संदीप शुक्ला का कहना है कि अर्जुन के पेड़ की प्रकृति पानी के लिए अनुकूल होती है. जितना ज्यादा इसकी जड़ों को पानी मिलता है, यह उतनी लंबी आयु तक विकसित होता जाता है. चूंकि पानी का स्त्रोत जड़ के नीचे से ही है, इसलिए यह उसके लिए ज्यादा लाभकारी है. यह भी कहा जाता है कि जिन स्थानों पर यह वृक्ष उग आता है, जमीन के नीचे या उपर पानी के स्त्रोत भी होते है ।. यह वृक्ष औसतन 100 से 120 साल तक जीवित रहता है.

Tags: Chhattisgarh news, Korba news

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