रिपोर्ट- अनूप पासवान
कोरबा. प्रयास आवासीय विद्यालय प्रतिभावान बच्चों का भविष्य गढ़ने का बेहतर माध्यम बन रहा है. इस विद्यालय का संचालन अनुसूचित क्षेत्र और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में किया जा रहा है. प्रदेश में अभी कुल 9 शासकीय प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है. जिनमें से एक कोरबा में है. इस विद्यालय में सभी वर्ग के बच्चे प्रवेश ले सकते हैं. इस स्कूल में प्रवेश लेने के लिए एक राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा होती है. ज़िसके बाद अच्छे अंक वाले बच्चों को प्रवेश दिया जाता है.
प्रवेश लेने के बाद बच्चों की पूरी जिम्मेदारी प्रयास स्कूल की हो जाती है. बच्चों को वहां पढ़ाई के साथ निशुल्क रहने की उत्तम व्यवस्था भी दी जाती है. राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रयास आवासीय विद्यालय संचालन किया जा रहा है. इसके माध्यम से अनुसूचित क्षेत्र और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के प्रतिभावान बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की योजना है.
हिंदी और इंग्लिश माध्यम
प्रयास आवासीय विद्यालय में आठवीं कक्षा में पास होने वाले स्कूली बच्चों को 9वीं कक्षा में प्रवेश दिया जाता है.जिसमे हिंदी, इंग्लिश, गणित साइंस और सोशल साइंस विषय की पढ़ाई होती है. वही 10वी के बाद बच्चों को अपनी रूचि वाली सब्जेक्ट गणित, बायोलॉजी, कॉमर्स सहित अन्य विषयोंकी शिक्षा दी जाती है.
NIT,JEE,NDA सहित सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षा की कराई जाती है तैयारी
इस योजना का मुख्य लक्ष्य है कि पिछड़ी क्षेत्रों के प्रतिभावान बच्चों की प्रतिभा को रखकर बेहतर शिक्षा देने के साथ उन्हें राष्ट्रीय स्तर की होने वाली प्रतियोगी परीक्षा के लिए तैयार किया जाए. कोरबा जिले में संचालित विद्यालय में वर्तमान में अभी बच्चों को NIT, JEE ,NDA सहित अन्य राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कराई जा रही है. बात पिछले साल की करें तो कोरबा के इस स्कूल से NIT के लिए 19 और JEE में 6 बच्चों का चयन हुआ था. इस वर्ष 2023 में प्रथम चरण JEE की परीक्षा आयोजित हुई थी. उसमें 10 बच्चों ने अपना बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रथम चरण की परीक्षा को पास कर लिया है.
पढ़ाई के साथ रहना खाना भी बिल्कुल फ्री
राजीव गांधी बाल भविष्य सुरक्षा योजना के तहत संचालित किए जाने वाले प्रयास आवासीय विद्यालय में प्रवेश लेने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा के साथ रहने और खाने की उत्तम व्यवस्था दी जाती है. विद्यालय में ही बच्चों के लिए हॉस्टल मौजूद रहता है. गर्ल्स और बॉयस के लिए अलग-अलग हॉस्टल है. साथ ही प्रत्येक क्लास के बच्चों के हिसाब से वार्डन भी नियुक्त किए जाते हैं. बच्चे पूरी तरह स्कूल के प्रबंधन की निगरानी में रहते हैं. ऐसे बच्चे जो पढ़ने में बेहतर है और गरीबी के कारण आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाते उनके लिए यह एक वरदान साबित हो रहा है.
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
विभागीय वेबसाइट www.tribal.cg.gov.in या जिले के सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कार्यालय से प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित होने के लिये निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र भरकर कार्यालय में ऑफलाइन जमा करना होता है.विद्यार्थी को प्रयास के लिए निर्धारित विद्यालय से कक्षा 8वीं प्रथम श्रेणी / समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण होना चाहिए. प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम 60% अंक से उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है. जिस अभिभावकों को आने वाले वर्ष में अपने प्रतिभावान बच्चों को इस विद्यालय में प्रवेश दिलाना हो वह इस वर्ष अपने बच्चों को आठवीं में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अच्छे से तैयारी करवाये.
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