लोकसभा चुनाव 2019: कोरबा सीट पर देखने को मिल सकता है त्रिकोणीय मुकाबला

प्रतीकात्मक तस्वीर.
कोरबा सीट बनने के बाद हो रहे तीसरे लोकसभा चुनाव में यहां पहली बार त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: March 13, 2019, 10:59 AM IST
छत्तीसगढ़ के कोरबा लोकसभा सीट पर सामान्य और पिछ़ड़े वर्ग के प्रत्याशियों का दबदबा रहा है. परिसीमन के बाद बनी इस सीट में पिछले दोनों चुनाव में पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है. पहली बार कांग्रेस के डॉ. चरणदास महंत और दूसरी बार भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो सांसद बने. डॉ.चरण दास महंत वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं. ऐसे में उनकी जगह इस सीट से उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत को उतारे जाने की संभावना बनी हुई है. भाजपा में दावेदारों की लंबी कतार लगी हुई है.
सामान्य सीट होने के नाते कोरबा लोकसभा सीट को सियासी दांव पेंच के लिए मुख्य माना जाता है. कोरबा सीट बनने के बाद हो रहे तीसरे लोकसभा चुनाव में यहां पहली बार त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है. कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत का नाम सबसे आगे है. कोरबा और कोरिया के कांग्रेस संगठन नेताओं ने उन्हीं के नाम को रखा है. इधर भाजपा में सांसद डॉ.बंशीलाल महतो पहले तो चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके थे, मगर अब कहते हैं कि पार्टी जो निर्णय ले स्वीकार्य है.
भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची है, वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी या उनके बेटे अमित जोगी के चुनाव लड़ने की चर्चा है. साल 2009 में नई सीट बनने के बाद कोरबा के पहले सांसद डॉ. चरणदास महंत बने थे. उन्होंने भाजपा की करुणा शुक्ला को हराया था. करुणा शुक्ला अब खुद कांग्रेस में हैं, तब छत्तीसगढ़ से जीतने वाले महंत कांग्रेस के अकेले सांसद थे. 2014 के चुनाव में उन्हें डॉ. बंशीलाल महतो ने लगभग साढ़े चार हजार वोटों से हराया था.
मोदी लहर के बीच लोकसभा में इतने कम वोटों से कांग्रेस की हार बताती है कि यह सीट कांग्रेस प्रभाव वाली है. डॉ. चरण दास महंत ने अपने पिछले कोरबा प्रवास के दौरान साफ-साफ यह नहीं कहा कि उनकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी. जकांछ से पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी के चुनाव लड़ने की चर्चा है. 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले हुए विधानसभा चुनाव में कोरबा जिले की चार में से 1, कोरिया जिले की 3 में से 3 सीट भाजपा ने जीती थी. बिलासपुर जिले की मरवाही सीट जोगी के पास थी. वहीं कोरबा, रामपुर व पाली-तानाखार कांग्रेस के पास.लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कोरबा संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक रंग बदला हुआ है. भाजपा के पास केवल एक रामपुर सीट है. कांग्रेस ने 8 में से 6 सीटें जीती हैं. कोरिया में भाजपा सभी तीन सीटों पर हारी. मरवाही पूर्व के जैसे ही अपनी पार्टी जकांछ बनाने के बावजूद अजीत जोगी के पास ही है. बहरहाल जोगी के यहां चुनाव मुकाबले में उतरने की पूरी संभावना को देखते हुए कोरबा की सीट त्रिकोणीय मुकाबले की मानी जा रही है. वैसे वे स्वयं पिछले विधानसभा के दौरान अपनी उम्मीदवारी को लेकर भी यही रुख रखते थे कि पार्टी आला कमान कहेगा तो चुनाव लड़ेंगे.
ये हो सकते हैं प्रत्याशी
राज्य विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस नेता चरण दास महंत कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा कर चुके हैं. वैसे ज्योत्सना महंत के स्थान पर वरिष्ठ आदिवासी नेता बोधराम कंवर के नाम की भी अटकलें भी चल रही हैं. मगर वे स्वयं विधानसभा चुनाव के पहले ऐलान कर चुके हैं कि वे अब कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. भाजपा से जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, संघ से जुड़े केके चंद्रा, अशोक मोदी, जिला भाजपाध्यक्ष अशोक चावलानी, मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक दीपक पटेल टिकट को लेकर गुणा-भाग में लगे हैं.
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सामान्य सीट होने के नाते कोरबा लोकसभा सीट को सियासी दांव पेंच के लिए मुख्य माना जाता है. कोरबा सीट बनने के बाद हो रहे तीसरे लोकसभा चुनाव में यहां पहली बार त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है. कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर राज्य विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत का नाम सबसे आगे है. कोरबा और कोरिया के कांग्रेस संगठन नेताओं ने उन्हीं के नाम को रखा है. इधर भाजपा में सांसद डॉ.बंशीलाल महतो पहले तो चुनाव न लड़ने का ऐलान कर चुके थे, मगर अब कहते हैं कि पार्टी जो निर्णय ले स्वीकार्य है.
भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची है, वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी या उनके बेटे अमित जोगी के चुनाव लड़ने की चर्चा है. साल 2009 में नई सीट बनने के बाद कोरबा के पहले सांसद डॉ. चरणदास महंत बने थे. उन्होंने भाजपा की करुणा शुक्ला को हराया था. करुणा शुक्ला अब खुद कांग्रेस में हैं, तब छत्तीसगढ़ से जीतने वाले महंत कांग्रेस के अकेले सांसद थे. 2014 के चुनाव में उन्हें डॉ. बंशीलाल महतो ने लगभग साढ़े चार हजार वोटों से हराया था.
मोदी लहर के बीच लोकसभा में इतने कम वोटों से कांग्रेस की हार बताती है कि यह सीट कांग्रेस प्रभाव वाली है. डॉ. चरण दास महंत ने अपने पिछले कोरबा प्रवास के दौरान साफ-साफ यह नहीं कहा कि उनकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ेंगी. जकांछ से पार्टी सुप्रीमो अजीत जोगी के चुनाव लड़ने की चर्चा है. 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले हुए विधानसभा चुनाव में कोरबा जिले की चार में से 1, कोरिया जिले की 3 में से 3 सीट भाजपा ने जीती थी. बिलासपुर जिले की मरवाही सीट जोगी के पास थी. वहीं कोरबा, रामपुर व पाली-तानाखार कांग्रेस के पास.लोकसभा चुनाव 2019 से पहले कोरबा संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक रंग बदला हुआ है. भाजपा के पास केवल एक रामपुर सीट है. कांग्रेस ने 8 में से 6 सीटें जीती हैं. कोरिया में भाजपा सभी तीन सीटों पर हारी. मरवाही पूर्व के जैसे ही अपनी पार्टी जकांछ बनाने के बावजूद अजीत जोगी के पास ही है. बहरहाल जोगी के यहां चुनाव मुकाबले में उतरने की पूरी संभावना को देखते हुए कोरबा की सीट त्रिकोणीय मुकाबले की मानी जा रही है. वैसे वे स्वयं पिछले विधानसभा के दौरान अपनी उम्मीदवारी को लेकर भी यही रुख रखते थे कि पार्टी आला कमान कहेगा तो चुनाव लड़ेंगे.
ये हो सकते हैं प्रत्याशी
राज्य विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस नेता चरण दास महंत कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा कर चुके हैं. वैसे ज्योत्सना महंत के स्थान पर वरिष्ठ आदिवासी नेता बोधराम कंवर के नाम की भी अटकलें भी चल रही हैं. मगर वे स्वयं विधानसभा चुनाव के पहले ऐलान कर चुके हैं कि वे अब कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. भाजपा से जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र पाण्डेय, पूर्व महापौर जोगेश लांबा, संघ से जुड़े केके चंद्रा, अशोक मोदी, जिला भाजपाध्यक्ष अशोक चावलानी, मनेंद्रगढ़ के पूर्व विधायक दीपक पटेल टिकट को लेकर गुणा-भाग में लगे हैं.
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