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korba news: सीतगढ़ी गुफा में राम ने बिताया था वनवास, पदचिन्ह है गवाह, परंतु राम वनगमन पथ में नहीं मिला स्थान

छत्तीसगढ़ में एक ऐसी गुफा है जहां माता अनुसुइया ने माता सीता को नारी धर्म का पाठ पढ़ाया था.वनवास के दौरान भगवान श्रीराम ...अधिक पढ़ें

अनूप पासवान
कोरबा : 
भगवान राम का ननिहाल छत्तीसगढ़ में एक ऐसी गुफा है जहां माता अनुसुइया ने माता-सीता को नारी धर्म का पाठ पढ़ाया था. वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ अत्रि मुनि के आश्रम में कुछ वक्त गुजारा था. इस वजह से शहर के इस क्षेत्र को सीतागढ़ी के नाम से जाना जाता है. सीतगढ़ी छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में है. आज भी दूर-दूर से श्रद्धालु इस पवित्र गुफा में निर्मित मंदिर के दर्शन करने आते हैं.

सीतागढ़ी गुफा में राम, लक्ष्मण और अत्रि मुनि की सातवीं शताब्दी निर्मित प्राचीन मूर्ति विद्यमान है.बीच में मुनि की बड़ी मूर्ति और दाएं बाएं में राम और लक्ष्मण नजर आ रहे हैं. यहां एक पद चिन्ह भी मौजूद है जो माता सीता का बताया जाता है. गुफा के बाहरी भित्ती पर दो लाइन का शिलालेख है. नागपुर की पुरातत्व सर्वेक्षण संस्था की टीम अभी इस पर शोध कर रही है. अब तक इस लेख को पढ़ा नहीं जा सका है.

163 सेंटीमीटर लंबा है प्राचीन शिलालेख:
कोरबा जिला पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शक हरिसिंह क्षत्रिय का दावा है कि इस प्राचीन शिलालेख में अष्टद्वार जिले के निवासी वेदपुत्र श्रीवर्धन का उल्लेख है. इस लेख की लंबाई 163 सेंटीमीटर है. छत्तीसगढ़ सरकार ने राम वनगमन पथ के महत्वपूर्ण स्थलों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है.राम वन गमन पथ से जुड़े विभिन्न शोध के अनुसार श्रीराम छत्तीसगढ़ के वन गमन के दौरान लगभग 75 स्थानों पर प्रवास किया था .

विडंबना, नहीं शामिल है राम वनगमन प्रोजेक्ट में:
पुरातत्व विभाग के संग्रहालय में नियुक्त मार्गदर्शक हरि सिंह क्षत्रिय ने राम वनगमन पथ से कोरबा को शामिल नहीं किए जाने पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है की हेमू यदु के द्वारा छत्तीसगढ़ पर्यटन विभाग के लिए राम वन गमन पथ के नाम से पुस्तक का प्रकाशन किया गया था. इसी पुस्तक के आधार पर राम के वनगमन मार्ग का विकास किया जा रहा है.

हरि सिंह क्षत्रिय ने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जब यदु यह किताब लिख रहे थे तब उन्हें फोन करके कोरबा में राम वन गमन मार्ग के विषय में उपलब्ध साक्ष्य देने की बात कही,लेकिन अपना नाम उस किताब में शामिल करने की बात रखी. हेमू यदु इस बात पर तैयार नहीं हुए.शायद इसी वजह से कोरबा राम वनगमन पथ से शामिल नहीं किया गया. इसे विडंबना ही कहे कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना राम वन गमन पथ से इस स्थल को विलोपित कर दिया गया है.

Tags: Chhattisgarh news, Korba news

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