Korba: जहां पर सामान्य उपचार के बाद चिकित्सक ने कटघोरा रेफर कर दिया.(File pic)
रिपोर्ट- अनूप पासवान
कोरबा. प्रसव पीड़ा से तड़प रही मेरई गांव की आदिवासी महिला को समय पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिल सकी. इसके अभाव में घर पर ही उसका प्रसव करवाना पड़ा. हालत बिगड़ने पर महिला और नवजात को सरकारी अस्पताल ले जाया गया. कुछ घंटे बाद कटघोरा सीएचसी में दोनों की मौत हो गई. कोरबा में इन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
पोड़ी उपरोड़ा सब डिवीजन के अंतर्गत आने वाले मेरई गांव की निवासी प्रमिला नेटी के दो बच्चे हैं. इन दिनों वह गर्भवती थी. उसके पति राज सिंह ने बताया कि प्रसव पीड़ा बढ़ने पर सरकारी एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त करने के लिए लगातार संपर्क किया गया, लेकिन जवाब मिला कि सभी वाहन व्यस्त हैं. ऐसे में गांव की ही मितानिन के जरिए घर पर प्रसव संपन्न कराया गया. कुछ घंटे बाद स्वास्थ बिगड़ने पर पत्नी और बच्चे को जटगा के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां पर सामान्य उपचार के बाद चिकित्सक ने कटघोरा रेफर कर दिया.
मौत को लेकर बताया गया कि कमजोरी के कारण यह घटना हुई. अगर समय पर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त होती और अस्पताल में प्रसव होता तो अनहोनी को रोका जा सकता था. पुलिस ने इस मामले में मृतका के परिजनों का बयान लिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर उन कारणों का पता चल सकेगा आखिर मां-बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार कौन है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: 108 ambulance, Ambulance Service, Chhattisgarh government, Chhattisgarh news, Korba news, Korba police, Pregnant Women