अस्पताल में उपचार करात बंसीलाल
अनूप पासवान/कोरबा. किसी बात को लेकर उपजे विवाद पर पति ने धारदार हथियार से पत्नी की हत्या कर दी. वह 17 साल सजा काटने के बाद रिहा हुआ. जेल से छूटते ही उसे बीमारी ने घेरना शुरू कर दिया. उसने एकाकीपन और बीमारी से तंग आकर इहलीला समाप्त करने का फैसला कर लिया. इसके लिए चिता जलाकर उसके उपर सो गया. किसी तरह उसकी जान तो बच गई, लेकिन गंभीर रूप से झुलस गया. उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल दाखिल कराया गया है.
करतला थानांतर्गत ग्राम केराकछार पुरानी बस्ती में बंशीलाल निवास करता है. उसका विवाह ढोंगदरहा निवासी श्याम बाई से हुआ था. किसी बात को लेकर बंशीलाल ने अपनी पत्नी की चाकू घोंपकर हत्या कर दी. मामले में बंशीलाल को सजा हो गई. वह 19 जनवरी को 17 साल सजा काटने के बाद जेल से रिहा हुआ. जेल से निकलने के बाद बंशीलाल सामान्य जीवन जीने की सोचा था, लेकिन उसकी परेशानी बढ़ती गई. उसे खाने पीने के लाले पड़ गए. इससे कहीं ज्यादा परेशानी बंशीलाल को बीमारी से थी. वह अपनी बीमारी का उपचार करा रहा था, लेकिन सेहत में सुधार होने के बजाय बिगड़ती जा रही थी.
डॉक्टरों ने उसे रायपुर में इलाज कराने की सलाह दी थी. लंबी बीमारी और एकाकीपन से तंग बंशीलाल ने इहलीला समाप्त करने की ठान ली. इसके लिए उसने आत्मदाह का रास्ता चुना. पहले तो उसने चिता तैयार कर ली. इस चिता में आग लगाकर खुद लेट गया. उस पर नजर पड़ते ही लोगों ने किसी तरह आग बुझाकर बंशी की जान तो बचा ली, लेकिन वह गंभीर रूप से झुलस गया. उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दाखिल कराया गया. जहां बर्न यूनिट में ग्रामीण का उपचार किया जा रहा है.
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