विधानसभा चुनाव: बीजेपी कर रही 'कुमार साहब' का गढ़ हथियाने की कोशिश

सांकेतिक तस्वीर
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पैराशूट प्रत्याशी को अवसर दिया गया तो तीसरी बार भी इस सीट पर कमल खिलने से कोई नहीं रोक पाएगा.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: November 5, 2018, 1:36 PM IST
छत्तीसगढ़ विधानसभा में दूसरे नंबर की विधानसभा सीट कोरिया जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में इस बार रोचक मुकाबला रहने के आसार नजर आ रहे हैं. दरअसल यह सीट परंपरागत रूप से कांग्रेस की मानी जाती रही है. इस सीट पर पूर्व वित्तमंत्री रहे डॉ. रामचंद्र सिंहदेव द्वारा चुनाव नहीं लड़ने की वजह से बीते दो चुनाव से भाजपा प्रत्याशी के रूप में भैयालाल राजवाडे विजयी होते आ रहे है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में लगभग 1 हजार वोटों के अंतर से उन्हें जीत हासिल हुई थी.
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छत्तीसगढ़ में तीसरी विधानसभा बैकुण्ठपुर की बात करें तो शुरू से यहां कोरिया पैलेस का दबदबा रहा है. यही वजह है कि कुमार साहब के रूप में विख्यात डॉ. रामचंद्र सिंहदेव यहां से हमेशा अपराजय रहे. इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 59 हजार 385 है. जो इस विधानसभा में प्रत्याशी की जीत का निर्धारण करेंगे. जिले में इस बार मतदाता किन मुद्दों को लेकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तय है जिले में एक भी उद्योगन लगना, लगातार बढ़ती बेरोजगारी, चिरमिरी में स्थायित्व का मुद्दा प्रमुख रूप से हावी रहेगा.ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ की राजनीति में वायरल आॅडियो ने मचाई खलबली, जानिए पूरा मामला
कोरिया जिले में अभी तक भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषण नहीं की है. ऐसे में अब सभी की निगाहें हाई कमान पर लगी हुई है. टिकट को लेकर बैकुण्ठपुर विधायक और प्रदेश के श्रम मंत्री भैयालाल राजवाडे का कहना है कि भाजपा ने जिले का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अगर पार्टी टिकट देती है तो निष्चित रूप से हम चुनाव लड़ेंगे.
ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव: सरगुजा में 'हाथी' डाल सकते हैं खलल श्रममंत्री भैयालाल राजवाडे बैकुण्ठपुर विधानसभा से अपनी सीट पक्की मान रहे है लेकिन कुछ ऐसे चेहरे भी है जो टिकट के दौड में कहीं पीछे नहीं है. बैकुण्ठपुर विधानसभा में नगर पालिका अध्यक्ष रहे शैलेश शिवहरे भी टिकट के दौड में सबसे आगे है. इनके पास कार्यकर्ताओं की लंबी फौज है. इनके कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस बार चेहरा नहीं बदला गया तो भाजपा को यह सीट भी गवानी पड़ सकती है.
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बैकुण्ठपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें पूर्व वित्तमंत्री डॉ. रामचंद्र सिंह देव की भतीजी अंबिका सिंहदेव के साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री योगेश शुक्ला के अलावा अन्य कई दावेदार हैं, जो टिकट की दौड़ में हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पैराशूट प्रत्याशी को अवसर दिया गया तो तीसरी बार भी इस सीट पर कमल खिलने से कोई नहीं रोक पाएगा.
कुमार साहब के नाम से विख्यात डॉ. रामचंद्र सिंहदेव का राजनीतिक सफर:
मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के नेतृत्व जब पहली सरकार बनी तो रामचन्द्र सिंहदेव उसमें वित्त मंत्री थे. उन्हें अर्थशास्त्र का जानकार माना जाता था. इससे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में भी वे कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. रामचन्द्र सिंहदेव की स्कूली शिक्षा राजकुमार कालेज रायपुर से हुई. इसके बाद उच्चशिक्षा के लिए वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय गये.
बताते हैं कि रामचन्द्र सिंहदेव इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विश्वनाथ प्रताप सिंह और नारायण दत्त तिवारी के साथ रहे. मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह उनके जूनियर रहे हैं. कोरिया राजघराने के रामचंद्र सिंहदेव ने साल 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर सरकार में 16 विभागों के मंत्री बने थे. इसके बाद से वे अब तक 6 बार चुनाव जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्री पदों की जिम्मेदारी संभाली.
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छत्तीसगढ़ में तीसरी विधानसभा बैकुण्ठपुर की बात करें तो शुरू से यहां कोरिया पैलेस का दबदबा रहा है. यही वजह है कि कुमार साहब के रूप में विख्यात डॉ. रामचंद्र सिंहदेव यहां से हमेशा अपराजय रहे. इस विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 1 लाख 59 हजार 385 है. जो इस विधानसभा में प्रत्याशी की जीत का निर्धारण करेंगे. जिले में इस बार मतदाता किन मुद्दों को लेकर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे यह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन इतना तय है जिले में एक भी उद्योगन लगना, लगातार बढ़ती बेरोजगारी, चिरमिरी में स्थायित्व का मुद्दा प्रमुख रूप से हावी रहेगा.ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ की राजनीति में वायरल आॅडियो ने मचाई खलबली, जानिए पूरा मामला
कोरिया जिले में अभी तक भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशियों की घोषण नहीं की है. ऐसे में अब सभी की निगाहें हाई कमान पर लगी हुई है. टिकट को लेकर बैकुण्ठपुर विधायक और प्रदेश के श्रम मंत्री भैयालाल राजवाडे का कहना है कि भाजपा ने जिले का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अगर पार्टी टिकट देती है तो निष्चित रूप से हम चुनाव लड़ेंगे.
ये भी पढ़ें: विधानसभा चुनाव: सरगुजा में 'हाथी' डाल सकते हैं खलल श्रममंत्री भैयालाल राजवाडे बैकुण्ठपुर विधानसभा से अपनी सीट पक्की मान रहे है लेकिन कुछ ऐसे चेहरे भी है जो टिकट के दौड में कहीं पीछे नहीं है. बैकुण्ठपुर विधानसभा में नगर पालिका अध्यक्ष रहे शैलेश शिवहरे भी टिकट के दौड में सबसे आगे है. इनके पास कार्यकर्ताओं की लंबी फौज है. इनके कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर इस बार चेहरा नहीं बदला गया तो भाजपा को यह सीट भी गवानी पड़ सकती है.
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बैकुण्ठपुर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जिन नामों की चर्चा हो रही है, उसमें पूर्व वित्तमंत्री डॉ. रामचंद्र सिंह देव की भतीजी अंबिका सिंहदेव के साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री योगेश शुक्ला के अलावा अन्य कई दावेदार हैं, जो टिकट की दौड़ में हैं. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पैराशूट प्रत्याशी को अवसर दिया गया तो तीसरी बार भी इस सीट पर कमल खिलने से कोई नहीं रोक पाएगा.
कुमार साहब के नाम से विख्यात डॉ. रामचंद्र सिंहदेव का राजनीतिक सफर:
मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी के नेतृत्व जब पहली सरकार बनी तो रामचन्द्र सिंहदेव उसमें वित्त मंत्री थे. उन्हें अर्थशास्त्र का जानकार माना जाता था. इससे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश में भी वे कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. रामचन्द्र सिंहदेव की स्कूली शिक्षा राजकुमार कालेज रायपुर से हुई. इसके बाद उच्चशिक्षा के लिए वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय गये.
बताते हैं कि रामचन्द्र सिंहदेव इलाहाबाद विश्वविद्यालय में विश्वनाथ प्रताप सिंह और नारायण दत्त तिवारी के साथ रहे. मध्य प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह उनके जूनियर रहे हैं. कोरिया राजघराने के रामचंद्र सिंहदेव ने साल 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल कर सरकार में 16 विभागों के मंत्री बने थे. इसके बाद से वे अब तक 6 बार चुनाव जीतकर अविभाजित मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्री पदों की जिम्मेदारी संभाली.
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First published: October 17, 2018, 4:03 PM IST