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World Meteorological Day: जानिए कैसे मौसम का पूर्वानुमान लगाते हैं वैज्ञानिक

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मौसम विज्ञान दिवस पर मौसम वैज्ञानिक ने दी जानकारी

World Meteorological Day: मौसम का पूर्वानुमान और संबंधित गतिविधियों के बारे में जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से मौस ...अधिक पढ़ें

रामकुमार नायक
महासमुंद. विश्व मौसम विज्ञान दिवस हर साल 23 मार्च को पृथ्वी के वायुमंडल की रक्षा में लोगों और उनके व्यवहार की भूमिका के महत्व को उजागर करने के लिए मनाया जाता है. विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) का लक्ष्य वर्ष 2030 तक एक ऐसी दुनिया बनाना है, जहां सभी राष्ट्र विशेष रूप से अल्पविकसित चरम मौसम, जलवायु, पानी और अन्य पर्यावरणीय घटनाओं के सामाजिक आर्थिक परिणामों के प्रति अधिक तैयार हो. भारत मौसम विज्ञान विभाग विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर पर समाज की सुरक्षा और भलाई के लिए मौसम, जलवायु और जल विज्ञान सेवाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है.

मौसम का पूर्वानुमान और संबंधित गतिविधियों के बारे में जनता को शिक्षित करने के उद्देश्य से मौसम केंद्र 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस मना रहा है.

विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास
वर्ष 1950 में 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना हुई थी. यह एक अंतर सरकारी निकाय है. WMO की वेबसाइट के अनुसार, यह दिन ‘राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के आवश्यक योगदान’ को दर्शाता है. संगठन की उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन से हुई है. WMO का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है.

मौसम वैज्ञानिक क्या कहते हैं
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि आज के दिन मौसम विभाग केंद्र पूरी तरीके से खुला रहता है. आज के दिन लोगों को अलग-अलग यंत्रों की प्रदर्शनी लगाकर जानकारी दी जाती है. यंत्रों से क्या अर्थ और परिणाम निकलते हैं यह भी बताया जाता है. सेटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से भी लोगों को जानकारी दी जाती है और रडार के संबंधित सवालों के जवाब मौसम विभाग के द्वारा दिया जाता है. जागरूकता लाने के लिए एडवाइजरी के बारे में बताया जाता है.

किसानों को भी दी जाती है मौसम की जानकारी
मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि किसानों को दो तरह से सूचना पहुंचती है. एक जनरल फोरकास्ट न्यूज़पेपर और मीडिया के माध्यम से जानकारी दी जाती है. इसके अलावा अलग से केंद्र सरकार की योजना से कृषि विश्वविद्यालय या रिसर्च सेंटर और मौसम विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बुलेटिन जारी करके मौसम विज्ञान विभाग आने वाले 5 दिनों के लिए रिपोर्ट तैयार करता है.

कृषि कॉलेज विभाग सीजन के हिसाब से मौसम के रिपोर्ट के अनुसार एडवाइजरी जारी करता है. मौसम किस तरह से रहेगा और उस समय में किन-किन फसलों की बुवाई करनी चाहिए और फसलों से संबंधित क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए. इसकी जानकारी मौसम विभाग और कृषि विश्वविद्यालय या रिसर्च सेंटरों के माध्यम से दी जाती है.

Tags: Chhattisgarh news, India Meteorological Department, Mahasamund News, Meteorological Department

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