रिपोर्ट- रामकुमार नायक
महासमुंद. ब्लैक स्पॉट दुर्घटना के हिसाब से बेहद संवेदनशील जगह होती है. ऐसे जगह से गुजरने का मतलब दुर्घटना मोल लेने जैसा है. ये जगह काफी खतरनाक होती हैं. अगर सड़क के किसी खास एरिया में बार-बार दुर्घटनाएं हो रहीं हैं. किसी जगह पर तीन साल के अंदर पांच या दस एक्सीडेंट हो जाते हैं तो उस जगह को ब्लैक स्पॉट घोषित कर दिया जाता है. रायपुर से ओडिशा नेशनल हाईवे पर महासमुंद जिले का छिलपावन चौक सड़क हादसों के लिए अपनी अलग पहचान बना चुका है. छिलपावन चौक पर नाश्ता दुकान संचालित करने वाले दीपक अग्रवाल ने बताया कि इस स्थान पर हर वर्ष सामान्य सड़क दुर्घटना के अलावा ऐसी भी सड़क दुर्घटना होती हैं जिसमें 15 -16 लोगों की मौत हो जाती है.
छिलपावन चौक नेशनल हाईवे का काफी रिहायशी इलाकों में से एक है. बागबाहरा से 20 किमी. दूर है. वहां से काफी लोग आते हैं, आधा किमी दूर झलप का शराब दुकान है. जहां से कई लोग शराब पीकर निकलते हैं और लापरवाही की वजह से सड़क हादसे के शिकार हो जाते हैं.
सड़क दुर्घटना रोकने लोगों ने दिए सुझाव
छिलपावन चौक पर लगातार सड़क हादसे होने पर स्थानीय लोगों ने सुझाव देते हुए कहा कि नेशनल हाईवे पर स्टॉपर नहीं, चौक पर लगातार 5- 6 ब्रेकर बनाकर सड़क हादसों को रोका जा सकता है. इसके अलावा स्थानीय पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग करके समझाइश दिया जाना चाहिए ताकि कुछ हद तक सड़क हादसों पर नियंत्रण किया जा सके.
महासमुंद जिले में 11 ब्लैक स्पॉट
जिले में वर्तमान में सड़क दुर्घटना के लिए 11 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. यातायात डीएसपी राजेश देवांगन ने बताया कि इनमें कुहरी मोड़, छिलपावन चौक से बस स्टैंड झलप, डोंगरीपाली से टेका पहाड़ी, बिटांगीपाली कालेज पेट्रोल पंप, न्यू गिल ढाबा साह्लेतराई, पचेड़ा, हाड़ाबंद, खोपली पड़ाव, मेमन पोल्ट्री फार्म कसहीबाहरा, प्राइमरी स्कूल काली मंदिर टेमरी के पास और चौखड़ी शामिल है. साल 2021 में जनवरी से अप्रैल तक कुल 168 हादसे हुए थे, जिसमें 94 लोगों की मौत हुई थी. 167 लोग घायल हुए थे. वर्ष 2022 के जनवरी से 22 अप्रैल तक 130 हादसे हुए हैं. जिसमें 77 लोगों ने जान गंवाई है और 120 घायल हुए हैं. इस वर्ष भी सड़क दुर्घटना के आंकड़े कम नहीं हुए हैं.
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