रिपोर्ट: रामकुमार नायक
महासमुंद: छत्तीसगढ़ राज्य विशेष पिछड़ी जनजाति कमार, बैगा, भुजिया समाज के लोग पिछले 20 मार्च से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं. युवाओं का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2019 में विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी देने का फैसला लिया था, जिस पर अमल करने की घोषणा जून 2022 में की गई है.
महासमुंद में विशेष पिछड़ी जनजाति के पढ़े लिखे बेरोजगार और उनके परिजन नौकरी की मांग को लेकर जिला मुख्यालय के पटवारी कार्यालय के सामने पिछले 7 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. इनमें 60 साल से ऊपर के 3 बुजुर्ग भी शामिल हैं. इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक इनकी सुध नहीं ली है. आंदोलनकारियों का कहना कि कमार और भुजिया जनजाति के जिले में 95 युवा बेरोजगार हैं. प्रशासन ने महज 10 लोगों की सूची नौकरी के लिए भेजी है. इसी वजह से 20 मार्च से समाज के लोग अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं.
इस संबंध में भूख हड़ताल कर रहे मोतीराम कमार और नेतराम कमार ने कहा कि जिले में 95 युवा वर्ग-03 के लिए पात्र हैं. प्रशासन महज 10 लोगों को नौकरी देना चाह रहा है. सभी 95 योग्य युवाओं को नौकरी दी जाए जैसे कि सरकार ने वादा किया था.
ये है मामला
कमार और भुजिया समाज के लोगों का कहना है कि जब तक सभी योग्य लोगों को नौकरी नहीं मिलेगी, तब हम भूख हड़ताल करेंगे. गौरतलब है कि सरकार ने 2019 में विशेष पिछड़ी छत्तीसगढ़ जनजाति के पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी देने का फैसला लिया था. जिस पर अमल करने की घोषणा जून 2022 में किया गया. युवाओं को तृतीय व चतुर्थ वर्ग में नौकरी देने की प्रशासकीय मंजूरी दे दी गई. इसके साथ प्रशासन को विशेष पिछड़ी जनजाति के युवाओं का सर्वे कर सूची तैयार करने कहा गया था.
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