वोट बैंक बढ़ाने के लिए तमाम पार्टियों की नजर आदिवासी समाज पर टिकी
छत्तीसगढ़ में जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदिक आ रहा है, वैसे वैसे विधानसभा का चुनावी पारा भी चढ़ते जा रहा है. तमाम राजनीतिक पार्टियों के दावेदार अपना दम दिखाते हुए लोगों का वोट बैंक अपने पाले में करने के लिए लगे हुए हैं. इसी क्रम में महासमुंद जिले के खल्लारी विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के आदिवासी नेता अपने समुदाय के लोगों का दिल जीतने में लगे हुए हैं.
आदिवासी नेता अपनी दावेदारी करते हुए संगठन तक अपनी पकड़ बताने और शक्ति प्रदर्शन कर अपनी छवि स्थापित करने में जुटे हैं. बता दें कि खल्लारी विधानसभा में 37 प्रतिशत वोटर आदिवासी हैं. लिहाजा, राजनीतिक गलियारे में आदिवासी समुदाय को अपना वोट बैंक बनाने के लिए तमाम पार्टियों की निगाहें टिकी हुईं हैं.
इससे पहले भी बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपना मोहरा आजमा चुकी हैं. इसी क्रम में एक बार फिर दोनों ही पार्टियों के दावेदार आदिवासी नेताओं ने विश्व आदिवासी दिवस पर शक्ति प्रदर्शन कर अपने अपने संगठन तक समुदाय की ताकत दिखाने की कोशिश की है. हालांकि दोनों ही पार्टियों के दावेदार नेता खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं. संगठन के निर्णय के आधार पर काम करने की बात कर रहे हैं, लेकिन मौका मिलने पर समुदाय का समर्थन मिलने की बात भी जरूर कर रहे हैं. भले ही किसी भी पार्टी से समुदाय को मौका मिले. ऐसे में देखने वाली यह बात है कि इस समुदाय के बहुमत को हासिल करने पहले कौन सी पार्टी आगे आती है.
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Tags: Assembly Elections 2018
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