लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले चयनित पटवारी कर रहे ये मांग

निर्वाचन आयोग
छत्तीसगढ़ के मुंगेली कलेक्टोरेट पहुंच कर नियुक्ति के लिये कलेक्टर से गुहार लगाते चयनित पटवारी दो साल से पोस्टिंग पाने भटक रहे हैं, लेकिन आज तक इन्हें नियुक्ति नही दी गई.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: February 19, 2019, 10:38 AM IST
छत्तीसगढ़ के मुंगेली कलेक्टोरेट पहुंच कर नियुक्ति के लिये कलेक्टर से गुहार लगाते चयनित पटवारी दो साल से पोस्टिंग पाने भटक रहे हैं, लेकिन आज तक इन्हें नियुक्ति नही दी गई. अब इन्हें फिर आचार संहिता का डर सताने लगा है. क्योंकि लोकसभा चुनाव नजदीक है और फिर आचार संहिता लगी तो 3-4 माह फिर इनकी नियुक्ति टल जायेगी. ऐसे में पटवारी आचार संहिता लगने से पहले नियुक्ति की मांग कर रहे हैं.
गौरतलब है कि व्यांपम द्वारा साल 2017 में पटवारी परीक्षा ली गई थी. जिसमें मुंगेली जिले के 30 पदों के लिये भी चयन किया गया और और प्रशिक्षण सहित सभी औपचारिकतायें भी पूरी करा ली गईं. अब दो साल बीतने को है और आज तक इन चयनित पटवारियों की पदस्थापना नहीं की गई है. जिससे ये युवक युवतियां नौकरी पाकर भी बेरोजगारी की जिंदगी गुजार रहे है और परेशानियों के साथ परिवार भी आर्थिक तंगी का शिकार हैं.
चयनित पटवारी पल्लवी भास्कर का कहना है कि पोस्टिंग की उम्मीद में किसी और जॉब के लिये भी प्रयास नहीं कर पा रहे है. वहीं इस पूरे मामले में जब कलेक्टर को आवेदन सौंपा तो कलेक्टर एसएन भूरे ने प्रदेश के राजस्व सचिव से बात की और तीन दिन के भीतर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया. वहीं प्रदेश के दूसरे 11 जिलों में नियुक्ति कर दी गई है लेकिन मुंगेली में आखिर कौन सा नियम आड़े आ रहा है ये तो जिम्मेदार भी नहीं बता पा रहे हैं.
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गौरतलब है कि व्यांपम द्वारा साल 2017 में पटवारी परीक्षा ली गई थी. जिसमें मुंगेली जिले के 30 पदों के लिये भी चयन किया गया और और प्रशिक्षण सहित सभी औपचारिकतायें भी पूरी करा ली गईं. अब दो साल बीतने को है और आज तक इन चयनित पटवारियों की पदस्थापना नहीं की गई है. जिससे ये युवक युवतियां नौकरी पाकर भी बेरोजगारी की जिंदगी गुजार रहे है और परेशानियों के साथ परिवार भी आर्थिक तंगी का शिकार हैं.
चयनित पटवारी पल्लवी भास्कर का कहना है कि पोस्टिंग की उम्मीद में किसी और जॉब के लिये भी प्रयास नहीं कर पा रहे है. वहीं इस पूरे मामले में जब कलेक्टर को आवेदन सौंपा तो कलेक्टर एसएन भूरे ने प्रदेश के राजस्व सचिव से बात की और तीन दिन के भीतर समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया. वहीं प्रदेश के दूसरे 11 जिलों में नियुक्ति कर दी गई है लेकिन मुंगेली में आखिर कौन सा नियम आड़े आ रहा है ये तो जिम्मेदार भी नहीं बता पा रहे हैं.
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