रायगढ़ में तालाबों को 'जहरीला' करने वाले कौन हैं?

तालाबों पर बेजा कब्जाधारियों का अवैध कब्जा
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में 21 तालाबों पर बेजा कब्जाधारियों ने अवैध कब्जा कर लिया है. आलम यह है कि तालाबों का सौंदर्यीकरण नहीं होने से उसमें गटर का पानी घुस रहा है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: April 22, 2017, 1:35 PM IST
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में तालाबों को सहेजने के लिए सरोवर योजना की उपेक्षा की जा रही है.
जिले के 21 तालाबों को सहेजने को लेकर एक ओर नगर निगम कोई राशि खर्च खर्च नहीं कर रहा है तो दूसरी ओर इनपर भू-माफिया ने अवैध कब्जा जमा लिया है. इतना ही नहीं, बची खुची कसर शहर के गटर इसमें मिलकर जल को विषाक्त बनाने में लगे हुए हैं.
दो साल से नहीं मिले निगम को पैसे
कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य बासुदेव यादव का कहना है कि सरोवर धरोहर योजना के तहत जिले के सभी तालाबों को सहेजने और सौंदर्यीकरण करने का दायित्व निगम का है.उनका कहना है कि सबसे पहले तहसीलदार और निगम के अधिकारियों को मिलकर सीमांकन करना चाहिए. इसके बाद जिले के सभी तालाबों के वास्तविक कागजात की जांच कर उसपर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
सरकार के पास नहीं है फंड
वहीं नगर निगम के सभापति सलीम नियारिया का कहना है कि पिछले साल सरकार से आदेश आया था, जिसमें कहा गया था कि पार्षद अपनी पार्षद निधि से दो लाख रुपए खर्च कर तालाबों का सौंदर्यीकरण करा सकते हैं.
प्रशासन के पास इतना फंड नहीं है कि वो सरोवर धरोहर योजना के तहत नगर निगम या नगर पालिकाओं को पैसे दे सके. हालांकि पार्षद निधि से बड़े शहरों में रायपुर और बिलासपुर में कुछ पैसे दिए गए थे, जिसके बाद पार्षद ने कहा था कि अब उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं.
जिले के 21 तालाबों को सहेजने को लेकर एक ओर नगर निगम कोई राशि खर्च खर्च नहीं कर रहा है तो दूसरी ओर इनपर भू-माफिया ने अवैध कब्जा जमा लिया है. इतना ही नहीं, बची खुची कसर शहर के गटर इसमें मिलकर जल को विषाक्त बनाने में लगे हुए हैं.
दो साल से नहीं मिले निगम को पैसे
कांग्रेस जिला पंचायत सदस्य बासुदेव यादव का कहना है कि सरोवर धरोहर योजना के तहत जिले के सभी तालाबों को सहेजने और सौंदर्यीकरण करने का दायित्व निगम का है.उनका कहना है कि सबसे पहले तहसीलदार और निगम के अधिकारियों को मिलकर सीमांकन करना चाहिए. इसके बाद जिले के सभी तालाबों के वास्तविक कागजात की जांच कर उसपर उचित कार्रवाई करनी चाहिए.
सरकार के पास नहीं है फंड
वहीं नगर निगम के सभापति सलीम नियारिया का कहना है कि पिछले साल सरकार से आदेश आया था, जिसमें कहा गया था कि पार्षद अपनी पार्षद निधि से दो लाख रुपए खर्च कर तालाबों का सौंदर्यीकरण करा सकते हैं.
प्रशासन के पास इतना फंड नहीं है कि वो सरोवर धरोहर योजना के तहत नगर निगम या नगर पालिकाओं को पैसे दे सके. हालांकि पार्षद निधि से बड़े शहरों में रायपुर और बिलासपुर में कुछ पैसे दिए गए थे, जिसके बाद पार्षद ने कहा था कि अब उनके पास पैसे खत्म हो गए हैं.