निगम कमिश्नर का दावा, रायगढ़ के लोगों को मिलेगा 24 घंटे पानी

रायगढ़ नगर निगम आयुक्त विनोद पांडेय
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर के निवासियों को अब 24 घंटे निगम के नलों से पानी मिलेगा. सभी घरों के नलों में वाटर मीटर भी लगाए जाएंगे.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: May 4, 2017, 1:28 PM IST
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर के निवासियों को अब 24 घंटे निगम के नलों से पानी मिलेगा. सभी घरों के नलों में वाटर मीटर भी लगाए जाएंगे. इससे पानी की बर्बादी रुकेगी, साथ ही साथ लोग पानी कम खर्च करेंगे.
रायगढ़ नगर निगम आयुक्त विनोद पांडेय ने बताया कि अमृत योजना के तहत नगर के सभी 48 वार्डों में यह सुविधा शुरू की जाएगी. इसमें वे 12 गांव भी शामिल होंगे, जो हाल ही में नगर निगम की सीमा में आए हैं. निगम ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि अब तक नगर निगम हर कनेक्शन पर 200 रुपए का फिक्स चार्ज लेता है. अब सभी घरों में मीटर लगाए जाएंगे और उसके आधार पर राशि वसूल की जाएगी. जो लोग पानी का कम उपयोग करेंगे, उनका बिल 200 रुपए से भी कम होगा. जो लोग अधिक उपयोग करेंगे, उन्हें उसी अनुपात में अधिक शुल्क देना होगा.
पांडेय ने कहा कि अमूमन यह देखा जाता है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से आने वाले पानी से लोग अपने वाहन धोते हैं, जबकि नदी के पानी को फिल्टर करके सप्लाय करने पर काफी राशि खर्च होती है. यह पानी काफी महंगा पड़ता है, लेकिन 200 रुपए का चार्ज फिक्स होने और पानी के उपयोग को नापे न जाने के कारण लोग इसका दुरुपयोग करते हैं. मीटर लगने से इस प्रवृत्ति पर रोक लगेगी.
रायगढ़ नगर निगम आयुक्त विनोद पांडेय ने बताया कि अमृत योजना के तहत नगर के सभी 48 वार्डों में यह सुविधा शुरू की जाएगी. इसमें वे 12 गांव भी शामिल होंगे, जो हाल ही में नगर निगम की सीमा में आए हैं. निगम ने इस योजना पर काम शुरू कर दिया है.
उन्होंने कहा कि अब तक नगर निगम हर कनेक्शन पर 200 रुपए का फिक्स चार्ज लेता है. अब सभी घरों में मीटर लगाए जाएंगे और उसके आधार पर राशि वसूल की जाएगी. जो लोग पानी का कम उपयोग करेंगे, उनका बिल 200 रुपए से भी कम होगा. जो लोग अधिक उपयोग करेंगे, उन्हें उसी अनुपात में अधिक शुल्क देना होगा.
पांडेय ने कहा कि अमूमन यह देखा जाता है कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से आने वाले पानी से लोग अपने वाहन धोते हैं, जबकि नदी के पानी को फिल्टर करके सप्लाय करने पर काफी राशि खर्च होती है. यह पानी काफी महंगा पड़ता है, लेकिन 200 रुपए का चार्ज फिक्स होने और पानी के उपयोग को नापे न जाने के कारण लोग इसका दुरुपयोग करते हैं. मीटर लगने से इस प्रवृत्ति पर रोक लगेगी.