रायगढ़ के 283 भवनों पर लगाया जाएगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

रायगढ़ के 283 भवनों पर लगाया जाएगा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में लंबे समय के बाद अब निगम अमला जल संरक्षण को लेकर गंभीर हो गया है. शहर के 283 भवनों पर अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: June 27, 2017, 11:30 AM IST
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में लंबे समय के बाद अब निगम अमला जल संरक्षण को लेकर गंभीर हो गया है. शहर के 283 भवनों पर अब रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक इसमें सबसे पहले निगम 150 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के भवनों पर कार्य शुरू करेगा.
निगम किसी भी भवन निर्माण के पहले भवन मालिकों से 55 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर जल संरक्षण के नाम से लेती है. लेकिन लंबे समय से इन राशियों का उपयोग नहीं हो रहा है. साथ ही साथ बरसात के दिनों में पानी का संरक्षण का काम भी रुका हुआ है.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए निगम आयुक्त विनोद पाण्डेय ने बताया कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए जितनी भी नई बिल्डिंग के लिए परमिशन जारी किए जा रहे हैं, उसके लिए शासन पिछले 4-5 सालों से बेहद गंभीर है.उन्होंने कहा कि अभी इस दौरान जितनी भी बिल्डिंग्स के लिए परमिशन जारी किए जा रहे हैं, उनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही इसके एवज में वो उनसे प्रति स्क्वायर मीटर 55 रुपए के हिसाब से राशि भी जमा करवा रहे हैं.
अगर मकान बनाने वाला व्यक्ति रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में विफल होता है, तो ऐसी स्थिति में उनकी राशि को राजसात कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब उनकी इस पहल में तेजी आ गई है.
पिछले तीने सालों में शहर में जिन 283 मकानों को बनाने के लिए परमिट जारी हुए थे, उनमें से अगर किसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है तो वैसे मकानों को चिन्हित किया जा रहा है. ताकि उनकी राजसात की गई राशि से निगम द्वारा उन मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा सके.
जानकारी के मुताबिक इसमें सबसे पहले निगम 150 स्क्वायर मीटर से ज्यादा के भवनों पर कार्य शुरू करेगा.
निगम किसी भी भवन निर्माण के पहले भवन मालिकों से 55 रुपए प्रति स्क्वायर मीटर जल संरक्षण के नाम से लेती है. लेकिन लंबे समय से इन राशियों का उपयोग नहीं हो रहा है. साथ ही साथ बरसात के दिनों में पानी का संरक्षण का काम भी रुका हुआ है.
अगर मकान बनाने वाला व्यक्ति रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में विफल होता है, तो ऐसी स्थिति में उनकी राशि को राजसात कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब उनकी इस पहल में तेजी आ गई है.
पिछले तीने सालों में शहर में जिन 283 मकानों को बनाने के लिए परमिट जारी हुए थे, उनमें से अगर किसी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है तो वैसे मकानों को चिन्हित किया जा रहा है. ताकि उनकी राजसात की गई राशि से निगम द्वारा उन मकानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा सके.