बाप ने बेटे की ही दे दी थी बलि, उम्रकैद

अदालत के फैसले की जानकारी देते हुए सरकारी वकील एके श्रीवास्तव.
रायगढ़ जिले में पिछले साल जुलाई में हुए बहुचर्चित नरबलि कांड में आरोपी रणविजय भारतीय को विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
- ETV MP/Chhattisgarh
- Last Updated: May 19, 2017, 8:09 AM IST
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पिछले साल जुलाई में हुए बहुचर्चित नरबलि कांड में आरोपी रणविजय भारतीय को विशेष अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है.
किरोड़ीमल नगर के रहने वाले रणविजय भारतीय ने आर्थिक तंगी से उबरने और अपनी बीमार पत्नी को जल्द ठीक करने के लिए अपने इकलौते बेटे की गला रेतकर जघन्य हत्या कर दी थी.
सरकारी वकील एके श्रीवास्तव ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला 6 और 7 जुलाई 2016 की दरम्यानी रात का था. उस रात रणविजय भारतीय अपने इकलौते बेटे को किसी बहाने घर से श्मशान में ले गया और वहां उसने नरबलि जैसी जघन्य घटना को अंजाम दिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपी रणविजय के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश माननीय मनीष कुमार नायडू की अदालत में चल रही थी. सुनवाई पूरी हाेने के बाद उन्होंने गुरुवार को यह फैसला सुनाया.श्रीवास्तव ने कहा की यह एक जघन्य अपराध था जिसमें एक पिता ने ही अपने इकलौते पुत्र की बलि दे दी थी. इस वजह से उन्होंने अदालत से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी. अदालत ने प्रकरण के सभी बिंदुओं पर गौर कर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई.
किरोड़ीमल नगर के रहने वाले रणविजय भारतीय ने आर्थिक तंगी से उबरने और अपनी बीमार पत्नी को जल्द ठीक करने के लिए अपने इकलौते बेटे की गला रेतकर जघन्य हत्या कर दी थी.
सरकारी वकील एके श्रीवास्तव ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला 6 और 7 जुलाई 2016 की दरम्यानी रात का था. उस रात रणविजय भारतीय अपने इकलौते बेटे को किसी बहाने घर से श्मशान में ले गया और वहां उसने नरबलि जैसी जघन्य घटना को अंजाम दिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपी रणविजय के खिलाफ विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था, मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश माननीय मनीष कुमार नायडू की अदालत में चल रही थी. सुनवाई पूरी हाेने के बाद उन्होंने गुरुवार को यह फैसला सुनाया.श्रीवास्तव ने कहा की यह एक जघन्य अपराध था जिसमें एक पिता ने ही अपने इकलौते पुत्र की बलि दे दी थी. इस वजह से उन्होंने अदालत से आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की थी. अदालत ने प्रकरण के सभी बिंदुओं पर गौर कर आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई.