छत्तीसगढ़: रिहाई के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने की कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास से बात, जाना हाल

जवान राकेश्वर सिंह मनहास नक्सलियों के चंगुल से रिहा. (ANI)
Raipur News: नक्सलियों के चंगल से ठीच पांच दिन बाद कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास (Rakeshwar Singh Manhas) हुए. रिहाई के बाद गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उनसे फोन पर बात की.
- News18 Chhattisgarh
- Last Updated: April 8, 2021, 11:11 PM IST
रायपुर. बीजापुर में 3 अप्रैल को हुई मुठभेड़ के बाद बंधक बनाए गए कोबरा के जवान राकेश्वर सिंह मनहास (Rakeshwar Singh Manhas) को पांच दिन बाद नक्सलियों ने रिहा कर दिया है. जवान की रिहाई के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उनसे फोन पर बातचीत कि और हाल जाना. इधर, जवान की रिहाई के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Dr. Raman Singh) ने सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सरकार 6 दिनों तक रणनीति ही बनाते रह गई. यह तो अच्छा हुआ कि जवान सकुशल रिहा हुआ. जवान की रिहाई से पूरा देश खुश है.
रिहा होने के बाद राकेश्वर सिंह ने न्यूज 18 से हुई बातचीत में नक्सलियों के कब्जे में बिताए वक्त का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि खाना भी दिया सबकुछ दिया. अच्छा रहा इन लोगों ने छोड़ने को कहा था और आज छोड़ दिया. मुठभेड़ वाले दिन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीन तारीख की बात है जिस दिन एनकाउंटर हुआ था. चार तारीख को मैं जंगल में भटकते हुए इनके चंगुल में फंसा था. मैं उस समय बेहोश नहीं था, चार तारीख को मैं इनके चंगुल में फंसा था. मुझे नहीं पता कि कितने गांव में घुमाया गया. मेरी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी और हाथ भी बंधे रहते थे.
मुठभेड़ के बाद लापता हुआ था जवान
गौरतलब है कि बीजापुर के तर्रेम थाना क्षेत्र में बीते 3 अप्रैल को सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी. इसमें सुरक्षा बल के 22 जवान शहीद हो 31 घायल हो गए थे. मुठभेड़ के बाद से ही सीआरपीएफ के राकेश्वर सिंह मनहास लापता थे. नक्सलियों ने 5 अप्रैल को एक प्रेस नोट जारी कर दावा किया था कि लापता जवान उनके कब्जे में है. इसके बाद उन्होंने बीते बुधवार को जवान की एक तस्वीर भी जारी की. जवान को छुड़ाने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी नक्सलियों ने मिलने गईं थीं, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था. मुठभेड़ के बाद गृहमंत्री अमित शाह भी छत्तीसगढ़ आए थे और पूरे ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली थी.
रिहा होने के बाद राकेश्वर सिंह ने न्यूज 18 से हुई बातचीत में नक्सलियों के कब्जे में बिताए वक्त का अनुभव साझा किया. उन्होंने कहा कि खाना भी दिया सबकुछ दिया. अच्छा रहा इन लोगों ने छोड़ने को कहा था और आज छोड़ दिया. मुठभेड़ वाले दिन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि ये तीन तारीख की बात है जिस दिन एनकाउंटर हुआ था. चार तारीख को मैं जंगल में भटकते हुए इनके चंगुल में फंसा था. मैं उस समय बेहोश नहीं था, चार तारीख को मैं इनके चंगुल में फंसा था. मुझे नहीं पता कि कितने गांव में घुमाया गया. मेरी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी और हाथ भी बंधे रहते थे.
मुठभेड़ के बाद लापता हुआ था जवान