BJP को समर्थन नहीं करने के लिए 8 ग्रंथों की खाई थी कसम, अब बदले अजीत जोगी के सुर
बीते 17 नवंबर को अजीत जोगी ने 8 धार्मिक ग्रंथों की कसम खाते हुए कहा था कि वे सूली पर चढ़ कर मरना पसंद करेंगे, लेकिन बीजेपी को समर्थन नहीं देंगे. अब मतदान के बाद उनके सुर बदल गए हैं.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के तहत मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी सियासी सरगर्मी जारी है. त्रिशंकु की स्थिति में थर्ड फ्रंट के समर्थन को लेकर चर्चाओं का दौर है. आठ ग्रंथों की कसम खाकर बीजेपी को समर्थन नहीं देने की बात करने वाले अजीत जोगी के सुर अब बदल गए हैं.
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बीजेपी को समर्थन देने के सवाल पर न्यूज 18 से चर्चा में अजीत जोगी ने कहा-
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बीजेपी को समर्थन देने के सवाल पर न्यूज 18 से चर्चा में अजीत जोगी ने कहा-
'अभी प्यासे को नदी के किनारे तक तो पहुंचने दीजिए और चुनाव परिणाम आने तो दीजिए. एक हफ्ते इंतजार करने में कोई नुकसान नहीं है.'
अजीत जोगी का मानना है कि इस बार कोई आंकड़ा और अंकगणित नहीं चलने वाला है. इस बार हमारी सरकार बनने जा रही है. इसके अलावा अजीत जोगी ने कहा कि इस बार के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला रहा है.ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ चुनाव: BJP ने की कांग्रेस के इस दिग्गज नेता की हार की 'भविष्यवाणी'बता दें कि बीते 17 नवंबर को अजीत जोगी ने 8 धार्मिक ग्रंथों की कसम खाते हुए कहा था कि वे सूली पर चढ़ कर मरना पसंद करेंगे, लेकिन बीजेपी को समर्थन नहीं देंगे. 20 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान से पहले अजीत जोगी के भाजपा में शामिल होने या समर्थन देने की अटकलें लगाई जा रहीं थी. इसके जवाब में ही अजीत जोगी ने 8 धार्मिक ग्रंथों की कसमें खाईं थीं. अब मतदान के बाद उनके सुर बदल गए हैं.
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Updated: February 17, 2019 03:00 PM ISTधमतरी: हस्तशिल्प प्रशिक्षण के जरिए महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर