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'नटवरलाल' की करतूत से हर कोई हैरान! 5 करोड़ के डिमांड ड्राफ्ट का बनाया क्लोन, फिर निकाली बड़ी रकम

छत्तीसगढ़ में डीडी क्लोनिंग का पहला मामला.

छत्तीसगढ़ में डीडी क्लोनिंग का पहला मामला.

Bank fraud case: डुप्लीकेट सामान, नकली नोट तो आप ने देखा और सुना होगा; मगर डुप्लीकेट डीडी या फिर डीडी की क्लोनिंग भी अब ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

5 करोड़ का डीडी जारी हुआ पर इंटर्नल मेल बैंक को नहीं आया.
डीडी क्लोनिंग से निकाल ली गई 30 लाख की रकम, खाता फ्रीज.

रायपुर. एमजी रोड पर स्थित इंडसइंड बैंक की शाखा के बैंक अधिकारी और पुलिस हैरान है. हैदराबाद की फ्यूल-खनिज कंपनी का 5 करोड़ के डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) का क्लोन बनाकर रायपुर के इंडसइंड बैंक में जमा कर करीब 30 लाख रुपए निकाल लिए गया. मामले का खुलासा तब हुआ जब हैदराबाद की कंपनी अपनी डीडी कैंसल कराने बैंक पहुंची. इसके बाद हैदराबाद की बैंक ने रायपुर की शाखा में संपर्क किया और डीडी की जांच कराई. इसमें जानकारी मिली कि दो साल से बंद पड़ी कंपनी श्याम ट्रेडिंग के खाते में नकली डीडी से पैसे ट्रांसफर किए गए. इसके बाद बैंक में खलबली मच गई. जानकारों का कहना है कि बिना मिलीभगत से इस तरह का फ्रॉड संभव नहीं है.

एडिशनल एसपी सिटी एवं क्राइम अभिषेक महेश्वरी के अनुसार, रायपुर के श्याम ट्रेडिंग के मालिक आकाश नाई से कारोबार को लेकर चर्चा चल रही थी. कंपनी ने आकाश को 27 फरवरी को अनुबंध करने के लिए हैदराबाद बुलाया था. उन्हें फोन कर सूचना दी कि डीडी तैयार हो गया है. अनुबंध होने पर तुरंत डीडी दे दी जाएगी. कंपनी इंतजार करती रही, लेकिन 1 मार्च तक आकाश वहां नहीं पहुंचा. तब कंपनी के अधिकारी डीडी को कैंसिल कराने हैदराबाद की शाखा पहुंचे, वहां डीडी कैंसिल कराने की अर्जी दी.

कैशियर ने सिस्टम में देखकर बताया कि डीडी को रायपुर में कैश कर लिया गया है. एमजी रोड की शाखा से पैसा निकाल लिया गया है. जिसके बाद कर्मचारियों ने कंपनी के मालिक को सूचना दी और फिर प्रबंधन ने रायपुर के ब्रांच मैनेजर से संपर्क किया और डीडी की जांच कराई, तो वह नकली पाई गई. तुरंत बैंक ने पैसा फ्रीज किया. ठग ने 5 करोड़ में से 29.57 लाख निकाल लिए हैं और शेष रकम खाते में है, जिसे फ्रीज कर दिया गया है.

छत्तीसगढ़ बैंक एम्पलॉइज एसोसिएशन के  महासचिव शिरीष नलगूडवार के अनुसार, इस पूरे मामले में बैंक प्रबंधन की ओर से भी बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. बैंक लेन-देन की जानकारी गोपनीय रहती है. ऐसे में हैदराबाद के किसी व्यक्ति द्वारा रायपुर के नाम से डीडी बनवाया गया है, इस बात की जानकारी मिलने के बाद ही जालसाजों ने फर्जी डीडी तैयारकर ठगी की घटना को अंजाम दिया है. ऐसे में सवाल उठता है, कि जानकारी जलासाजों तक कैसे पहुंची? फिलहाल मामले में पुलिस आकाश नाई और उसके साथियों की तलाश कर रही है. आरोपी फरार है.

Tags: Bank fraud, Banking fraud, Chhattisagrh news, Fraud case, Fraud FIR, Raipur news

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