रायपुर/सुकमा. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल संगठन से शांति वार्ता को लेकर बड़ा बयान दिया है. बस्तर प्रवास के दौरान गुरुवार को सुकमा में मीडिया से चर्चा में नक्सलियों से शांति वार्ता को लेकर सरकार की स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने साफ कहा कि नक्सलियों से वार्ता के लिए सरकार हमेशा से ही तैयार है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ‘नक्सली पहले भारतीय संविधान पर विश्वास करें, मैं उनसे बात करने सुकमा आ जाउंगा या वो जहां कहें मैं वहां चल दूंगा. मैं हिदुस्तान में हूं. संघी गणराज्य होने के नाते मैं एक सवैंधानिक पद पर बैठा हूं.’
मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि ‘नक्सलियों के लिए हमेश से वार्ता के लिए द्वार खुले है, बशर्ते उन्हें भारत के संविधान पर भरोसा करना होगा. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बस्तर में हालात बदले है. पूर्व जो भय व आतंक का माहौल था, हो खत्म हुआ है. जल, जंगल और जीमन की मांग पर सरकार काम कर रही है. वनांचल में रहने वाले आदिवासियों के लिए सारकार जंगल का अधिकार दे रही है. फॉरेस्ट राईट के तहत जमीन का पट्टा देने की व्यवस्था की गई. नक्सली जिस वातावरण की बात कर रहे हैं, वो बना हुआ है, वे संविधान में विश्वास रखेंगे तो वार्ता होगी.’
नक्सलियों से क्या होगी वार्ता?
बता दें कि सरकार से शांति वार्ता को लेकर नक्सलियों की ओर से पिछले एक महीने में 2 बार प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी इस विज्ञप्ति में शांति वर्ता के लिए कई शर्तें नक्सलियों द्वारा रखी गई हैं. इसमें जंगल से सुरक्षा बलों को हटाने, वार्ता के लिए बड़े नक्सली नेताओं को रिहा करने जैसी मांगें भी शामिल हैं. साथ ही ये भी कहा गया कि शांति वार्ता के लिए बेहतर माहौल तैयार करने का काम सरकार का है. इन्हीं विज्ञप्तियों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सुकमा में सरकार की स्थिति स्पष्ट की.
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