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छत्तीसगढ़: ई-टेंडरिंग घोटाले में बड़ी कार्रवाई, 4 कंपनियां पांच साल के लिए हुईं बैन

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ये गड़बड़ी राज्य बीज निगम में ऑनलाइन टेंडरिंग में महालेखाकार की आपत्तियों के बाद पकड़ी गई है.

    छत्तीसगढ़ में भाजपा शासनकाल में हुए 16 सौ करोड़ के ई-टेंडरिंग घोटाले में राज्य सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई की है. चार कंपनियों को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है. इन पर प्रदेश में बीज सप्लाई का टेंडर हासिल करने के घोटाले में संलिप्तता की पुष्टि होने के बाद यह कार्रवाई की गई है. ये कंपनियां अगले 5 साल तक राज्य में टेंडर नहीं भर पाएंगी. साथ ही इन पर नजर रखने के लिए निगरानी टीम का गठन भी किया गया है, ताकि किसी दूसरे नाम से टेंडर हासिल न कर सके. ये गड़बड़ी राज्य बीज निगम में ऑनलाइन टेंडरिंग में महालेखाकार की आपत्तियों के बाद पकड़ी गई है.

    ऑडिट में फर्जीवाड़े का खुलासा

    महालेखाकार ने बीज निगम के वर्ष 2012-13 से वर्ष 2016-17 का ऑडिट ऑब्जर्वेशन किया था. इसमें खुलासा हुआ कि कई बोलीदारों ने अलग-अलग कंपनी दिखाकर टेंडर हासिल कर लिए गया है, मसलन, मेसर्स बीजो शीतल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कलश सीड्स प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस का पता और फोन नंबर एक समान पाए गए है. इसी तरह डीलक्स रिसाइकिलिंग प्राइवेट लिमिटेड और आशापुरा रिसाइकिलिंग सिस्टम मुंबई के फोन नंबर, पते और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स एक ही पाए गए है.

    जानकारी के मुताबिक ऑडिट ऑब्जर्वेशन में की गई आपत्ति के बाद मेसर्स बीजो शीतल सीड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स कलश सीड्स प्राइवेट लिमिटेड दोनों संस्थाओं के आरसीओ में ऑनलाइन अपलोड किए गए दस्तावेजों का फिर से परीक्षण कराया गया. दस्तावेजों ने दोनों संस्थाओं का पता एक ही पाया गया है. इस सिलसिले में दोनों संस्थाओं को नोटिस जारी किया गया है. ये भी बताया गया है कि दोनों ही संस्थाओं की तरफ से एक ही तरह का जवाब पेश किए गए है.

    दोनों संस्थाएं एक ही जगह की बताई गई

    जानकारी के मुताबिक दोनों कंपनियों का कार्यालय एक ही बिल्डिंग में है. लेकिन फोन नंबर और फैक्स के एक समान होने के संबंध में कोई ठोस जवाब पेश नहीं कर सके, जिससे ये साफ हो सके कि दोनों संस्थाएं अलग-अलग है. उल्लेखनीय है कि दोनों कंपनियों का कार्यालय एक ही जगह पाया गया है. बताया जा रहा है कि कंपनी के संचालक मंडल में समीर सुरेश अग्रवाल का नाम संचालक के रूप में अंकित पाया गया, इससे यह साफ होता है कि दोनों ही संस्थाओं द्वारा मिलकर निविदा भरा गया है. दोनों संस्थाएं जालना (महाराष्ट्र) की बताई जा रही है.

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    Tags: Banking fraud, Banking scam, BJP, Chhattisgarh news, Congress, Raipur news

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