रायपुर. छत्तीसगढ़ में साल 2023 के नवंबर-दिसंबर में विधानसभा का चुनाव प्रस्तावित है. चुनाव से पहले पिछले चुनावों के कड़वें अनुभवों को देखते हुए केंद्रीय बीजेपी अभी से चुनावी मोड में आ चुकी है. दरअसल प्रदेश के नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि उनसे विधानसभा और संसदीय क्षेत्र में कमजोर बूथ की पहचान करें और उसे दुरूस्त करने के लिए कार्यक्रम सहित योजनाएं तैयार करें, जिसकी तैयारी बीजेपी में शुरू हो चुकी है.
बीजेपी के रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कमजोर बूथों की पहचान की जा रही है. उन बूथों पर केंद्र के योजनाओं को बताने का प्लान किया जा रहा है. क्योंकि इससे भ्रम फैलाने वाली कांग्रेस पार्टी से लड़ने यह एक बेहतर तरीका है. बता दें कि हाल ही में बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने दिल्ली में एक बैठक आयोजित की. बैठक से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा था कि ऐसे राज्य जहां बीजेपी की सरकार नहीं है या फिर वहां बीजेपी स्थिति ठीक नहीं है, उन राज्यों में बेहतर प्रदर्शन के लिए रणनीति बनाई गई है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
बीजेपी भले ही अभी से मिशन 2023 में जुट गई हो, मगर छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस इसे बेफिजूल मेहनत करार दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता राजू घनश्याम तिवारी का कहना है कि बीजेपी कितना भी दम लगा ले कोई भी योजना बना ले, छत्तीसगढ की जनता कांग्रेस के साथ है. इस बार भी जनता उनका ही साथ देगी. वहीं वरिष्ठ राजनीति विश्लेष बाबूलाल शर्मा मानते हैं कि बीजेपी की यह कवायद उसे संगठनात्मक रूप से मजबूती देगी, जिसका लाभ आने वाले दिनों में मिल सकता है. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि केन्द्र सरकार की योजनाओं के सहारे राज्य की सत्ता में वापसी की कवायद बीजेपी कर रही है.
लगातार पंद्रह सालों तक सत्ता में रहने वाली बीजेपी 2018 की हार को भुलाते हुए 2023 में सत्ता में वापसी करना चाहती है, जिसकी तैयारी अभी से शुरू हो चुकी है. ऐसे में बीजेपी की यह कवायद कितना रंग लाएगी यह तो वक्त तय करेगा. फिलहाल इतना तो तय है कि बीजेपी की इस तैयारी से राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है.
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