रायपुर. छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए राज्य में बीजेपी ने बड़ा धार्मिक दांव चला है. इसके तहत आगामी पांच मई से सांसदों को और विधायकों को 100-100 कमजोर बूथ तलाशने की जिम्मेदारी दी गई है. इतना ही नहीं बीजेपी ने समीक्षा पत्र में हर बूथ में धार्मिक समीकरण की भी जानकारी मांगी है. मसलन हर बूथ में कितने हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई और अन्य धर्मों को मानने वाले मतदाता हैं. इसकी जानकारी जुटाने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक फार्म दिया गया है, जिसमें डाटा भरने के बाद वापस जमा करना है.
मिली जानकारी के मुताबिक नेताओं और कार्यकर्ताओं से बूथवार 24 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है. इस नीति के तहत बीजेपी बूथ स्तर पर धार्मिक समीकरण की जानकारी जुटा रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि संगठन स्तर पर चुनाव की तैयारियां की जा रही हैं. इसके तहत बूथ स्तर पर टीम का गठन कर जरूरी जानकारियां जुटाई जा रही हैं. कमजोर बूथ का पता लगाया जा रहा है. साथ ही स्थानीय स्तर पर समस्याएं जानने का प्रयास भी है. सगठन स्तर पर एक प्रोफार्मा बनाकर विधायक सांसदों और कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. पार्टी अपने स्तर पर काम करती रहती है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कसा तंज
बीजेपी के बूथों पर धार्मिक समीकरण की संभावनाएं तलाशने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसा है. सीएम भूपेश ने कहा कि आला नेता बीजेपी विधायकों की तो पहले ही टिकिट काट चुके हैं. पहले ही बता चुके हैं कि उन्हें दोबारा टिकिट नहीं मिलेगी. अब सांसदों को निपटाने की तैयारी की चुकी है. उनका टिकट काटने की तैयारी है, इसलिए ही ऐसा कर रहे हैं. बता दें कि सीएम भूपेश बघेल का शुक्रवार को दुर्ग दौरा है. दुर्ग रवाना होने से पहले सीएम ने रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए बीजेपी पर तंज कसा.
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