रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री व बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर सियासी हलचल तेज हो गई है. तेज तर्रार और बेवाक बयानबाजी के लिए पहचान रखने वाले बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस नेताओं के लिए बीते दो दिनों में दो बार ऐसी भाषाशैली का उपयोग किया है, जिसकी आलोचना हो रही है. बीते 16 मई को जेल भरो आंदोलन के दौरान रायपुर में बृजमोहन के नेतृत्व में ही प्रदर्शन हो रहा था. प्रदर्शन के दौरान बृजमोहन को उनके समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया गया. इस दौरान मीडिया से चर्चा में बृजमोहन ने कांग्रेसियों को नामर्द निक्कमा कह दिया.
बीजेपी विधायक के इस बयान पर कांग्रेस ने जवाबी पलटवार किया. सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब आलोचना हुई. इसके बाद अगले ही दिन 17 मई को बृजमोहन अग्रवाल का एक और बयान चर्चा में है. बृजमोहन अग्रवाल ने कह दिया कि कांग्रेस सरकार को ठीक से हनीमून मनाने नहीं आता. दरअसर बीजेपी के अचानक से आक्रमक होने के सवाल पर पूर्व मंत्री ने कहा कि हमने सरकार को दो साल का समय हनीमून मनाने के लिए दिया था, मगर सरकार को ठीक से हनीमून मनाने नहीं आता. आज सरकारी से लेकर गैर सरकारी संगठन तक सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. जो बीजेपी की जीत है.
..तो वापस लिया बयान
बृजमोहन अग्रवाल के कांग्रेसियों को निकम्मा और नामर्द कहने के बयान पर खूब सियासी बवाल मचा. कांग्रेस के प्रदेश संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि हार के बाद बीजेपी बौखला तो गई थी, लेकिन अभद्र भी हो जाएगी इसकी उम्मीद नहीं थी. सियासी बयानबाजियों के बीच मंगलवार को बृजमोहन अग्रवाल ने अपना बयान वापस ले लिया. पूर्व मंत्री ने अपने नामर्द वाले बयान को यह कहते हुए वापस ले लिया की कांग्रेस तो कई तरह की बयानबाजी करती है. अगर उनके मुंह से ऐसा एक शब्द निकला हो तो वो वापस लेते हैं.
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