की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. बहुचर्चित फोन टेपिंग मामले में मुकेश गुप्ता के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरु हो गई है. जानकारी के मुताबिक 7 मई को मुकेश गुप्ता को डीजीपी डीएम अवस्थी के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है. इस दौरान फोन टेपिंग मामले में मुकेश गुप्ता का बयान लिया जाएगा. बता दें कि मुकेश गुप्ता पर पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रुप से फोन टेपिंग कराए जाने का आरोप है. इस पूरे मामले को लेकर पहले ही ईओडबल्यू द्वारा जांच की जा रही है और अब विभागीय जांच भी शुरु हो गई है. फोन टेपिंग मामले में ईओडबल्यू ने आईपीएस रजनेश सिंह के बाद निलंबित
से पूछताछ की थी. हालांकि मुकेश गुप्ता को 21 मई को EOW के समक्ष पेश होना थे लेकिन उन्होने अपनी बेटी की तबियत अचानक खराब हो जाने का हवाला देते हुए अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे. अब इस मामले में 6 या 7 जून को मुकेश गुप्ता को दोबारा बयान दर्ज कराने के लिए ईओडबल्यू के समक्ष पेश होना है.
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए. तब ये खुलासा हुआ था कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था. इसके पुख्ता सबूत मिलने के बाद ईओडब्लू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया. इस मामले में ईओडब्लू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया। हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया.
बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था. पर कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया. उन्होने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही उन्होंने अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किय. इसी केस में सवाल जवाब के लिए मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
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FIRST PUBLISHED : May 28, 2019, 10:18 IST