छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाएं का क्या हाल है. इस बात को कैग रिपोर्ट से समझा जा सकता है. 31 मार्च को विधानसभा में रखी गई कैग रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. सरकार बजट का 50 फीसदी भी खर्च नहीं कर सकी.
रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने 1160 करोड़ रुपए का बजट तय किया था, जिसमें से महज 416 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाई. इसकी वजह से मेडिकल कॉलेज स्टाफ, उपकरण में भारी कमी हुई है.
कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रदेश के 17000 लोगों पर एक डॉक्टर है, जबकि सरकार हमेशा से दावा करती रही है कि उसकी मंशा है कि प्रदेश में 1000 लोगों पर पर एक डॉक्टर मुहैया हो. वहीं नर्सों का यही हाल है. प्रदेश में 1 लाख की आबादी पर सिर्फ 21 नर्स हैं.
खास बात ये है कि सरकार के पास अब तक कोई ठोस प्लान नहीं है, जिससे प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारा जा सके. राज्य में एलोपेथी के महज 1642 डॉक्टर हैं जबकि प्रदेश में 25500 डॉक्टरों की जरूरत है. इतना ही नहीं एलोपेथी के लिए सिर्फ 46 डॉक्टर सिविल अस्पताल में है, जबकि 963 डॉक्टरों का शासन ने सेटअफ तय किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार अधोसंरचना और सुविधाएं मुहैया कराने में फेल रही है. इसके अलावा राज्य सरकार प्रदेश में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स शुरू करने में भी नाकाम रही है.
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FIRST PUBLISHED : April 03, 2017, 14:06 IST