मध्य प्रदेश में कर्जमाफी के बाद छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने कांग्रेस के चुनावी वादे पर अमल करना शुरू कर दिया है. बघेल ने मुख्यमंत्री के शपथ लेने के दो घंटे में ही किसानों की कर्ज माफी की फाइल पर दस्तखत कर दिए. मौजूदा और बैंकों की सूची में शामिल डिफाल्टर किसानों को भी कर्ज माफी का फायदा होगा. 11 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद 13 दिसंबर को ही अधिकारियों ने किसानों की कर्ज माफी से जुड़ी कवायद शुरू कर दी थी.
कर्ज माफी की फाइल पर साइन करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'हमने वादे के मुताबिक किसानों की कर्ज माफी और किसानों का धान 25 सौ रुपये प्रति क्विंटल के दाम से खरीदने का फैसला किया है. इसके अलावा झीरम घाटी कांड में एसआईटी के गठन का फैसला ले लिया है. पहली कैबिनेट में ये तीन फैसले लिए गए हैं. सीएम ने 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा की है. इसमें करीब 6100 करोड़ रुपए खर्च होंगे. किसानों के को-ऑपरेटिव और सोसाइटियों से लिए गए कर्ज माफ किए जाएंगे, लेकिन प्राइवेट बैंक से लिए कर्ज के लिए कमिटी गठित की जाएगी. कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर इस पर आगे निर्णय लिया जाएगा.''
बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया और इसे अपने जन घोषणा पत्र में भी शामिल किया था. इसमें सरकार गठन होने के 10 दिन के भीतर कर्ज माफी की बात कही गई थी. 20 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के बाद और चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसानों के 30 अक्टूबर 2017 तक के सभी कर्ज माफ किए जाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2018, 22:05 IST