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ED Raids: लेवी और ट्रांसपोर्ट घोटाला मामले में ED ने छत्तीसगढ़ में की छापेमारी, कई कांग्रेसी रडार पर 

 ईडी ने तफ्तीश के दौरान मिले सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर 20 फरवरी को सुबह-सुबह  छत्तीसगढ़ के 13 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया दिया है.

ईडी ने तफ्तीश के दौरान मिले सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर 20 फरवरी को सुबह-सुबह छत्तीसगढ़ के 13 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया दिया है.

ED Raids In Levy and Transport Scam: इस मसले पर जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि इस केस में बहुत पहले से तफ्तीश चल रही ...अधिक पढ़ें

नई दिल्ली. केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Directorate of  Enforcement ) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ कोयला लेवी और ट्रांसपोर्ट घोटाला (Illegal Coal levy scam of Chhattisgarh) मामले में रेड मारी है. ईडी ने तफ्तीश के दौरान मिले सबूतों और दर्ज बयानों के आधार पर 20 फरवरी को सुबह-सुबह  छत्तीसगढ़ के 13 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया दिया है. सोमवार सुबह करीब 5:30 से एटीके टीम रायपुर भिलाई समेत अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन करने के लिए पहुंच गई थी.

बता दें, सर्च ऑपरेशन होने की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ से लेकर राजधानी दिल्ली तक के राजनीतिक गलियारों में इस मसले को लेकर चर्चा और बयानबाजी शुरू हो गई. क्योंकि जिन 13 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ है उनमें से ज्यादातर लोग कांग्रेस पार्टी से जु़डे हुए नेता और समर्थक हैं. हालांकि इस मसले पर जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि इस केस में बहुत पहले से तफ्तीश चल रही है. आज अचानक यह मामला प्रारंभ नहीं हुआ है. इस केस में अब तक  सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी जैसे कई आरोपियों की गिरफ्तारी तक हो चुकी है.

24 फरवरी को शुरू होने वाला है कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अधिवेशन

कांग्रेस पार्टी के एक नेता के मुताबिक 24 फरवरी को शुरू होने वाली है कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू होने वाला है हालांकि यह महज इफ्तिफाक हो सकता है कि अधिवेशन शुरू होने के कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं के यहां सर्च ऑपरेशन शुरू हुई है. जांच एजेंसी के सूत्र के मुताबिक खनन और ट्रांसपोर्टिंग के बाद अवैध तौर पर कई सरकारी आधिकारियों/नेताओं द्वारा लेवी लेने से जुड़े मामले में यह कार्रवाई हो रही है. जांच एजेंसी द्वारा प्रदेश कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष राम गोपाल अग्रवाल, प्रवक्ता आर पी सिंह, श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल सहित कई अन्य नेताओं के खिलाफ छापेमारी की प्रक्रिया चल रही है  .

पहले हुई थी चार अन्य प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी और अटैचमेंट 

ईडी द्वारा इस केस मामले में अब तक करीब 152 करोड़ रुपये की कई चल-अचल संपत्तियों को अटैचमेंट किया जा चुका है और कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर (filed a Prosecution Complaint under PMLA. Recently) किया जा चुका है. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक जांच के दौरान  गिरफ्तार किए गए चार अन्य प्रमुख आरोपियों के दर्ज़ बयानों के आधार पर 20 फरवरी को सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है.

इस प्रकार से हैं आरोपियों के नाम 

1. दीपेश टांक सौम्या चौरसिया का बेहद करीबी और घोटाले के लिए नकदी का लेनदेन करने वाला आरोपी है .

2. संदीप कुमार नायक संदीप कुमार नायक ये एक माइनिंग अधिकारी हैं और इसी केस में गिरफ्तार आरोपी सूर्यकांत तिवारी के बेहद करीबी हैं. सूर्यकांत से हुई पूछताछ के दौरान उसने संदीप कुमार नायक और शिव शंकर नाम के बारे में काफी विस्तार से बताया. उसके बाद ही उन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई .

3. शिव शंकर नाग ( Shiv Shankar Nag (Korba) शिव शंकर नाग भी एक माइनिंग अधिकारी हैं और इसी केस में गिरफ्तार आरोपी सूर्यकांत तिवारी का बेहद करीबी है .

4. राजेश चौधरी (Rajesh Chaudhary ) राजेश चौधरी इस मामले में एक बिचौलिया की भूमिका में था . जो आरोपी सुनील अग्रवाल के बेहद करीबी रहा है. इस मामले में आरोपी राजेश चौधरी  की भूमिका एक बहुत बड़े लाइजनर की रही है, जो सीधे तौर पर सुनील अग्रवाल के साथ इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए आपस में जुड़ा हुआ था. हालांकि आरोपी सुनील अग्रवाल की गिरफ्तारी पिछले साल 12 दिसंबर 2022 को हुई थी. उसी दौरान हुई पूछताछ के दौरान राजेश चौधरी का नाम जांच एजेंसी के सामने आया था .

जानें क्या है पूरा मामला 

ईडी के अधिकारी जब इस मामले की तफ्तीश में जुटे हुए थे और कोयला लेवी घोटाले का आरोपी राजेश चौधरी के आवास सहित अन्य लोकेशन पर जब छापेमारी और जांच पड़ताल कर रही थी. तभी उस वक्त कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ -साथ कथित तौर पर  ईडी अधिकारी के नाम पर बनाए गए फर्जी पहचान पत्र को भी बरामद किया गया , जो राजेश चौधरी ने अपने नाम और पता के आधार पर बना रखा था. जांच के दौरान ये पाया गया की अवैध तौर पर वसूली और कारोबारियों को ईडी का अधिकारी बनकर धमकाया  और उसके बाद लेवी वसूलने का काम करता था . इस मामले में अब जांच एजेंसी अब विस्तार से पूछताछ करने में जुटी है की अब तक कितने लोगों को और कितना करोड़ रुपये उसने इस तरह के अवैध तरीके से अर्जित किया है .

Tags: Chhattisagrh news, Delhi news today, Enforcement directorate

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