तीन कृषि कानूनों को लेकर एक साल से ज्यादा समय तक किसानों ने आंदोलन किया था. (File Photo)
रायपुर. छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस हर मौके पर किसानों की हितौषी सरकार होने का दंभ भरती है. राजनीतिक पंडित यहां तक मानते हैं कि किसानों ने ही कांग्रेस को 15 सालों बाद सत्ता के शिखर तक पहुंचाया है. मगर आपको जानकर हैरानी होगी की जो कांग्रेस की सरकार किसानों की हितौषी सरकार होने का दंभ भरती है, उसी सरकार के आंगन कहे जाने वाले नवा रायपुर में गणतंत्र दिवस के मौके पर ही सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकरा का विरोध किया. इतना ही नहीं ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई बेटियों ने की और ट्रैक्टर चलाकर संदेश दिया की यह लड़ाई अभी लंभी चेलेगी.
भू-अर्जन की मांग को लेकर राजधानी रायपुर के नवा रायपुर के 27 गांवों के किसान बीते 3 जनवरी से नवा रायपुर विकास प्राधिकरण कार्यालय के भीतर ही पंडाल लगाकर आंदोलन कर रहे हैं. 26 जनवरी के मौके पर जहां एक ओर पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था वहीं प्रभावित किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार का विरोध जताया. ट्रैक्टर मार्च का ऐलान तीन दिन पहले किया गया था. ऐलान के अनुसार 26 की जनवरी की सुबह से ही किसान और उनके परिवार के सदस्य नवा रायपुर में जुटने लगे और दोपहर होते-होते सैकड़ों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला.
सरकार के बुलावे को ठुकराया था किसानों ने
नवा रायपुर प्रभावित किसानों की मांगों के संबंध में सरकार की ओर से मंत्री और अधिकारियों के बैठक रखी गई, जिसमें किसान प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया जिसमें किसानों की ओर से कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ. जिसके बाद सरकार की ओर से बयान जारी किया गया कि आने वाले दिनों में फिर से बैठक होगी.
किसानों की आवाज
03 जनवरी से नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे किसानों का दो टूक कहना हैं कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी तात्कालिक पीसीसी अध्यक्ष और वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उनके आंदोलनों में शामिल होते थे, मगर आज यहीं सरकार उनसे उनकी मांग पूछ रही है जो बिल्कुल ही गलत है. किसानों की सीधा सा कहना है कि यह लड़ाई आज की नहीं हैं सालों से यह लड़ाई चल रही है अब आश्वासन नहीं कागजों पर आदेश चाहिए और जब तक उनकी मांगों के अनुसार आदेश जारी नहीं होगा तब तक आंदोलन चलता रहेगा.
क्या है प्रमुख मांग
नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे किसानों में प्रमुख मांगों में भू-अर्जन के बदले भूखंड देने के आश्वासन को तत्काल पूरा किया जाए. वार्षिक राशि का भुगतान एक मुश्त किया जाए, नवा रायपुर में प्रभावित किसानों के परिवार को नौकरी दी जाए.
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