. राष्ट्रपति भवन (President's House) में तीन दिन की कॉन्फ्रेंस में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उईके (Governor Anusuiya Uike) ने आदिवासियों के उत्थान (Tribal Upliftment) के लिए कई सुझाव दिए. साथ ही कहा कि आदिवासियों की सलाहकार समिति का अध्यक्ष गैर राजीनीतिक व्यक्ति को बनाए और आदिवासी समाज के लोगों को भी सदस्य बनाया जाए. उन्होंने कहा कि अभी अध्यक्ष मुख्यमंत्री होते हैं और सदस्य विधायक. कॉन्फ्रेंस में ही राज्यपाल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) और पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी छत्तीसगढ़ को लेकर अलग से चर्चा की है.
में नक्सल समस्या (Naxal Issue) है. बस्तर (Bastar) और सरगुजा के लिए केंद्र से अलग से बजट देने की मांग कॉन्फ्रेंस में की है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अस्पताल, स्कूल नहीं है. नक्सल समस्या से निटपने के लिए केंद्र अलग से योजना बना रहा है. राज्यपाल अनुसुइया उईके ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अलग से मुलाकात हुई थी. पीएम को राज्य की स्थिति के बारे जानकारी भी दी. आदिवासी क्षेत्र में कानून तो हैं, मगर लागू नहीं हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिए हैं कि जिलों में जाकर देखें कि केंद्र की योजनाओं का क्रियान्वयन हो रहा है या नहीं.
में आदिवासियों को सिलेंडर भरवाने में दिक्कत है. उनके घर सिलेंडर नहीं आता है. सरकार को छोटे सिलेंडर मुहैया कराने चाहिए. किसान सम्मान निधि योजना में आदिवासी लोगों को भी शामिल करने का सुझाव उन्होंने दिया. उन्होंने बताया कि गरियाबंद के सुपेबेड़ा में पानी को लेकर दिक्कत भी उठाई थी. उन्होंने बताया कि योजनाओं को राज्य सरकार को लागू करना होता है. मेरा काम निगरानी करने का है और कमियों को बताना. दोनो सरकारों को तालमेल से काम करना होगा, तभी लोगों का भी भला होगा. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ ढाई महीने हुए हैं. ये बताना मुश्किल है योजनाएं कितनी लागू हुईं है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : November 25, 2019, 12:59 IST