छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा शराब बेचने के फैसले के बाद रमन सिंह सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है. एक और जहां आरंग एसडीएम द्वारा शराब दुकान निर्माण के लिए पंचायत सचिव से बदतमीजी का वीडियो वायरल हुआ तो वहीं अब खैरागढ़ में कब्रिस्तान में शराब दुकान बनाने के फैसले से प्रशासन की पोल खुल गई है.
बुधवार को दुकान निर्माण के लिए जमीन की खुदाई शुरू और गुरुवार को वहां से स्थानीय लोगों के पूर्वजों की हड्डियां निकलने लगीं. जिसके बाद स्थानीय लोग कब्रिस्तान पर पहुंच एग और अपने परिजनों की आत्माओं की शांति के लिए पूजा-अर्चना की.
खैरागढ़ में कबीर पंथ समाज के पार्षद शिव रजक का कहना है कि शराब दुकान निर्माण की नींव खोदनी शुरू हुई तो जमीन से हड्डियां निकलने लगीं और इसकी जानकारी लोगों को हुई तो लोगों ने विरोध किया. लेकिन प्रशासन ने मौके पर पुलिस बल बुला लिया जिससे समाज के लोग डरे हुए हैं.
गौरतलब है कि कबीर पंथी समाज का कहना है कि बीते 60 साल से यहां कब्रिस्तान है और उनके समाज के लोगों को यहीं दफनाया जाता रहा है.
वहीं, इस मामले में एसडीएम पी.एस. ध्रुव का कहना है कि शासन के रिकॉर्ड में उस स्थान पर कोई कब्रिस्तान नहीं है. लोग यहां परम्परागत अंतिम संस्कार करते आ रहे हैं. जब काम शुरू हुआ तब वहां पर कहीं कोई कब्र नहीं दिखी थी. मौका मुआयना करने के लिए मेरे साथ और भी अफसर थे.
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FIRST PUBLISHED : March 04, 2017, 23:40 IST